उत्तर प्रदेश

हत्यारोपी विधवा को पुलिस ने थमा दिया बेदाग होने का प्रमाण-पत्र

Shantanu Roy
8 Nov 2022 5:12 PM GMT
हत्यारोपी विधवा को पुलिस ने थमा दिया बेदाग होने का प्रमाण-पत्र
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बड़ी खबर
हमीरपुर। पति की हत्या में नामजद विधवा को पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने चरित्र प्रमाण पत्र जारी करके उसे क्लीन चिट दे दी। फिलहाल पुलिस का यह चरित्र प्रमाण पत्र एक वर्ष के लिए मान्य है। इसी चरित्र प्रमाण पत्र की दम पर उसने सुमेरपुर कस्बे की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में ठेकेदार की अधीन नौकरी हासिल कर ली। जिसे बाद में नौकरी से निकाल दिया गया है। सुमेरपुर थानाक्षेत्र के चन्दपुरवा बुजुर्ग निवासी रीना पति की हत्या के आरोप में जेल में निरूद्ध रही है। पति की हत्या का मुकदमा मौदहा कोतवाली में अपराध संख्या 583/17 धारा 302/506 के तहत दर्ज है। जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद इसने नौकरी हासिल करने की गरज से चरित्र प्रमाण पत्र के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन किया। चरित्र प्रमाण पत्र जारी होने के पूर्व जनपद के सभी थानों से रिपोर्ट मांगी जाती है। लेकिन शायद पुलिस ने इस प्रकरण में ऐसा नहीं किया और गत 18 फरवरी 2022 को उसे चरित्र प्रमाण पत्र जारी करके बेदाग छवि का बता दिया।
वैसे यह प्रमाण पत्र एक वर्ष के लिए ही विधि मान्य है। लेकिन इसी प्रमाण पत्र की दम पर उसने कस्बे में संचालित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में ठेकेदार की अधीन नौकरी हासिल कर ली और गत 15 सितंबर को ठेकेदार पर ही छेड़खानी करने का आरोप लगाकर पुलिस अधीक्षक सहित सुमेरपुर थानाध्यक्ष के पास शिकायत कर दी। पुलिस की सघन जांच के बाद पता चला कि महिला के आरोप का मामला पूरी तरह से फर्जी है। तब कहीं जाकर ठेकेदार को राहत मिली थी। हत्या आरोपी महिला को बेदाग होने का चरित्र प्रमाण पत्र कैसे जारी हो गया। यह तो जांच का विषय है। लेकिन जिस तरह की लापरवाही बरती गई। उससे यह साबित होता है कि पुलिस से किसी समय कुछ भी कराया जा सकता है। नियम कानून की दुहाई महज लाचार और गरीबों के लिए है। थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि यह मामला उनके समय का नहीं है। महिला को कैसे प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। वैसे भी चरित्र प्रमाण पत्र थाना स्तर से नहीं बल्कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी होता है। रिपोर्ट जरूर थानास्तर से लगकर जाती है।
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