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उत्तरप्रदेश न्यूज़: वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर कॉरीडोर के लिए 510 करोड़ रुपये मुहैया कराने का हाईकोर्ट में हलफनामा देने के बाद चर्चा में आए बिल्डर प्रखर गर्ग की पुलिस कुंडली खंगालने में जुटी रही. मथुरा ने भी उसके बारे में जानकारी मांगी थी. पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने मथुरा एसएसपी को भेजे पत्र में बताया है कि प्रखर गर्ग के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज है. इसके अलावा कोर्ट में चेक बाउंस के 21 मामले विचाराधीन हैं.
कमला नगर स्थित द्वारिका पुरम कालोनी निवासी प्रखर गर्ग पहली बार चर्चाओं में नहीं आए हैं. नवंबर 2022 में चेक बाउंस के एक मामले में कोर्ट से उनके गैर जमानती वारंट जारी हुए थे. हरीपर्वत पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. जेल जाने से बचने के लिए वह बीमारी का बहाना करके एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो गए थे. तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने मेडिकल जांच के लिए तीन डॉक्टरों का पैनल गठित कराया था. डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें पूर्णत स्वस्थ्य बताया था. पुलिस ने इसके बाद उन्हें जेल भेजा था. वह जमानत पर रिहा हुए थे.
इधर, बांकेबिहारी मंदिर कारिडोर के लिए हाईकोर्ट में हलफनामा देने के बाद एकाएक उनका नाम सुर्खियों में आ गया. लखनऊ से भी सवाल पूछा जाने लगा कि आगरा का यह कौन कारोबारी है, जो हलफनामा देकर 510 करोड़ रुपये मुहैया कराने की बोल रहा है. दूसरी ओर, मथुरा पुलिस भी प्रखर गर्ग के बारे में छानबीन करने में जुटी रही. एसएसपी मथुरा ने पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह को पत्र लिखकर उसके बारे में जानकारी मांगी. पूछा कि उसके खिलाफ कितने आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.