उत्तर प्रदेश

रोहतास बिल्डर्स के मालिक परेश रस्तोगी की 1.16 अरब की संपत्ति को पुलिस ने किया जब्त

Ritisha Jaiswal
14 Jun 2022 12:23 PM GMT
रोहतास बिल्डर्स के मालिक परेश रस्तोगी की 1.16 अरब की संपत्ति को पुलिस ने किया जब्त
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रोहतास बिल्डर्स के मालिक परेश रस्तोगी की 1.16 अरब की संपत्ति को पुलिस ने जब्त कर लिया है।

रोहतास बिल्डर्स के मालिक परेश रस्तोगी की 1.16 अरब की संपत्ति को पुलिस ने जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई हजरतगंज पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद की है। आरोपी बिल्डर्स पर गिरोहबंद का मुकदमा दर्ज है। वहीं, यह कार्रवाई गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 14(1) के तहत की गई है। उसके खिलाफ राजधानी के चार थानों में 82 मुकदमें दर्ज हैं।

प्रभारी निरीक्षक हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला के मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति के तहत गैंगस्टर के आरोपी रोहतास प्रोजेक्ट प्रा. लि. के निदेशक परेश रस्तोगी की 1 अरब 16 करोड़ 23 लाख 13 हजार 675 रुपये की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश पारित किया गया है। परेश रस्तोगी हजरतगंज इलाके के लाला लाजपत राय मार्ग में रहते हैं। यह संपत्ति आरोपी ने अपराध के जरिए हासिल की थी।
इन संपत्तियों को जब्त किया गया
पुलिस के मुताबिक आरोपी ने अपराध के जरिए धनोपार्जन कर रोहतास प्रोजेक्ट के नाम से राणा प्रताप मार्ग कैलाश बिल्डिंग, केएस ट्राईडेंट बिल्डिंग, फैजाबाद हाइवे पर बादशाहनगर स्थित मेट्रो स्टेशन के पास का भवन, राजाराम मोहन राय मार्ग नियर पशुपति अपार्टमेंट, कुर्सी रोड स्थित जेनेसिस क्लब के नाम से कंस्ट्रक्शन व भूखंड बनाया। इसके अलावा चार लक्जरी गाड़ी, जिसमें हुंडई एसेंट, फोर्ड फिगो, फोर्ड फिएस्टा और स्कोडा येटा कार शामिल है। वहीं हजरतगंज के एसबीआई व एचडीएफसी बैंक में जमा की गई धनराशि को पुलिस ने जब्त किया है।
15 साल में खड़ी कर ली अरबों रुपये की अवैध संपत्ति
प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक परेश रस्तोगी ने प्रॉपर्टी के कारोबार में 2007 में कदम रखा। प्रॉपर्टी कारोबार के लिए परेश ने रोहतास प्रोजेक्ट प्रा. लि. के नाम कंपनी खोली। इसके जरिए जमीनों की खरीद फरोख्त की। वहीं भवनों का भी निर्माण कराकर बेचा। इसके जरिए करीब 15 साल के अंदर आरोपी ने अरबो रुपये की अवैध संपत्तियां खड़ी कर ली। आरोप है कि कंपनी के नाम से व बेनामी संपत्तियां भी बनाई गई। अपनी कंपनी में परिजनों को ही शामिल किया। उनको महत्वपूर्ण पदों पर रखा गया। कंपनी में परेश के भाई व उसके दोनों बेटे प्रमुख पदों पर थे। सभी ने मिलकर अवैध कमाई की। शुरूआती दौर में परेश रस्तोगी ने आवासीय व व्यावसायिक भवनों का निर्माण कर बेचना शुरू किया। जिससे बाजार में अपने को स्थापित किया। फिर इसी साख के दम पर अरबों रुपये का निवेश आवासीय व व्यावसायिक भवनों, जमीनों के नाम पर लोगों से निवेश कराया लेकिन रुपये हासिल करने के बाद भी लोगों को भवन व प्लाट नहीं दिया।
पांच साल में दर्ज हुए चार थानों में 82 मुकदमें
एसीपी हजरतगंज अखिलेश कुमार सिंह के मुताबिक आरोपी परेश रस्तोगी पर लखनऊ में 82 मुकदमें दर्ज हैं। इसमें हजरतगंज, गौतमपल्ली, विभूतिखंड व गोसाईंगंज थाना शामिल है। सबसे अधिक मुकदमें हजरतगंज थाने में 62, दो चिनहट व एक गौतमपल्ली में दर्ज है। वहीं विभूतिखंड में 18 मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा कानपुर, गोरखपुर सहित कई अन्य जिलों में मुकदमे दर्ज हैं।
2019 में दर्ज हुआ था गिरोहबंद का मुकदमा
रोहतास बिल्डर्स के निदेशकों के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने 2019 में गिरोहबंद की कार्रवाई की थी। इस दौरान कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन सीएमडी परेश रस्तोगी, उसका भाई पीयूष रस्तोगी, पंकज रस्तोगी व दीपक रस्तोगी फरार चल रहे है। पुलिस ने गिरोह का सरगना परेश रस्तोगी को बताया है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ 2019 में ही लुकआउट नोटिस भी जारी किया था।


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