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पुलिस कमिश्नर के पीआरओ ने उठाया ये गलत कदम, जानें फिर क्या हुआ
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कानपुर. फिल्मी अंदाज में बुलेट की सवारी करने का शौक पुलिस को सिंघम फिल्म के बाद चढ़ा. वैसे तो कई फिल्मों में पुलिस दरोगा बुलेट की शान से सवारी करते नजर आते हैं. जिसको देखकर रियल लाइफ के पुलिस कर्मचारियों में बुलेट की सवारी का शौक बन गया है, लेकिन ऐसा शौक कानपुर के पुलिस कमिश्नर के पीआरओ अजय मिश्रा को भारी पड़ गया. शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने गैंगस्टर की बुलेट को ही अपनी सवारी बना लिया.
दरअसल कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में कमिश्नर के पीआरओ पद पर तैनात अजय मिश्रा पर आरोप लगा कि जिस बुलेट से वह फर्राटा भरते हैं, वह बुलेट हिस्ट्रीशीटर बलराम राजपूत की थी. बलराम राजपूत पर शहरभर में एक दर्जन से ज्यादा थानों में मुकदमे दर्ज हैं और वह जेल भी जा चुका है.
खबर वायरल होने के बाद अजय मिश्रा को पीआरओ पद से हटाया
सोशल मीडिया पर पीआरओ अजय मिश्रा से संबंधित इस खबर को वायरल किया गया, उसके बाद पुलिस कमिश्नर कानपुर विजय सिंह मीणा ने तत्काल अजय मिश्रा को पीआरओ पद से हटा दिया और उन्हें लाइन हाजिर कर दिया. साथ ही मामले की जांच के निर्देश दिए हैं. इसके लिए ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी को नियुक्त किया है. आखिर अपराधी की मोटरसाइकिल खरीदते समय अजय मिश्रा ने जानकारी क्यों नहीं की? और क्या अनिल मिश्रा के बलराम राजपूत से पहले के कोई संबंध हैं? इसकी भी जांच होगी.
हालांकि पीआरओ पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा का इस मामले पर कहना है किए बुलेट उन्होंने एक मोटरसाइकिल ब्रोकर से 90 हजार में खरीदी थी और इससे उनका बेटा कोचिंग जाता है, लेकिन लोगों की माने तो अजय मिश्रा ही इस बुलेट से सवारी करते हैं.