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कानपुर हिंसा को लेकर पुलिस कमिश्नर ने लिया बड़ा एक्शन: दो थानेदार सस्पेंड और तीसरा लाइन हाजिर, जानिए पूरी खबर
सिटी न्यूज़: कानपुर हिंसा से जुड़े मामले में पुलिस कमिश्नरेट ने शनिवार को बड़ा एक्शन किया है। एक महीने बाद तीन थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बेकनगंज व बजरिया के थानेदार नवाब अहमद और संतोष सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। चमनगंज कोतवाली के थानेदार जैनेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है। आपको बता दें कि कानपुर शहर में इन्हीं तीनों थाना क्षेत्रों में पिछले महीने 3 जून को हिंसक झड़पें हुई थीं। तब से मामले की जांच चल रही थी। पुलिस ने कानपुर हिंसा के लिए शहर में 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था।
पिछले महीने 3 जून को कानपुर में हुई थी हिंसा: कानपुर में 3 जून को भड़की हिंसा के एक महीने बाद पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने तीन थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई की है। जिन थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उनके इलाकों में हिंसा हुई थी। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस कमिश्नर ने बवाल वाले इलाकों में बेकनगंज के थानेदार नवाब अहमद और बजरिया के थानेदार संतोष सिंह को सस्पेंड कर दिया है। चमनगंज के थानेदार जैनेंद्र सिंह को लाइन हाजिर किया गया है। हिंसा के बाद मामले में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर को जांच का आदेश दिया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक करीब एक सप्ताह पहले ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौंप दी थी।
बेकनगंज से शुरू हुआ था, जुलूस बजरिया में का मुख्य आरोपी: बेकनगंज वही इलाका है, जहां से 3 जून को जुलूस उठा था और बवाल शुरू हुआ था। जबकि बजरिया इलाके में हिंसा का आरोपी बाबा बिरियानी रेस्त्रां का मालिक मुख्तार रहता है। उसका बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट यहीं है। चमनगंज में जफर हयात का घर है। पुलिस कमिश्नर का मानना है कि हिंसा में पत्थरबाजी करने वाले युवक इन्हीं थाना क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। हालांकि, पुलिस अधिकारी इस कार्रवाई पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि ये कार्रवाई हिंसा के दौरान और उसके पहले पुलिस की ढिलाई को लेकर की गई है। वहीं, कानपुर हिंसा से जुड़े मामले में पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी समेत 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।
बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान पर हुआ था बवाल: आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान पर यह बवाल हुआ था। कानपुर में मुस्लिम संगठनों ने 3 जून को बंद बुलाया था। इन संगठनों ने बाकायदा पोस्टर लगाकर बंद का ऐलान किया था। मुस्लिम संगठन नूपुर शर्मा के पैंगबर मोहम्मद को लेकर दिए बयान का विरोध कर रहे थे। इस दौरान हिंसा फैल गई। पुलिस सीसीटीवी के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है। पुलिस ने आरोपियों के पोस्टर लगाए थे। कानपुर हिंसा के मामले में पुलिस ने 147 ऐसी इमारतों की पहचान की है, जहां से पत्थरबाजी की गई थी। बताया जा रहा है कि सीसीटीवी से पहचान होने के बाद इन इमारतों की वैधता की जांच की जाएगी। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
तीनों थानेदारों पर हैं यह आरोप: जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने तीनों थानेदारों को सस्पेंड किया है। इन्हें चार्जशीट दी गई हैं। अगले 15 दिनों में तीनों इंस्पेक्टर आरोप पत्र का जवाब दाखिल करेंगे। पुलिस कमिश्नरेट से मिली जानकारी के मुताबिक इन थानेदारों पर लापरवाही बरतने, हिंसा से पहले और हिंसा के बाद सही ढंग से कार्रवाई नहीं करने और जुलूस के दौरान दंगाइयों को नियंत्रित करने के लिए उचित योजना नहीं बनाने का आरोप हैं।