उत्तर प्रदेश

पुलिस ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत दो को किया गिरफ्तार

Admin Delhi 1
2 July 2022 1:34 PM GMT
पुलिस ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत दो को किया गिरफ्तार
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सिटी क्राइम न्यूज़: थाना चौक कोतवाली पुलिस व साइबर क्राइम सेल की संयुक्त टीम ने सरकारी योजना जल जीवन मिशन में नौकरी के नाम पर हजारों लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए सरगना समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को मौके से जल जीवन मिशन का लोगो लगी सैकड़ों टी शर्ट, सैकड़ों की संख्या में फोटो लगे बायोडाटा, फर्जी नियुक्ति पत्र, कंप्यूटर प्रिंटर, आधार कार्ड, पैन कार्ड व एटीएम कार्ड, चेकबुक आदि सामान बरामद हुआ है। पुलिस अधीक्षक एस. आनंद ने शनिवार को बताया कि जिले में कई दिनों से सरकारी योजना के नाम पर नौकरी देने तथा फर्जी ज्वाइनिंग ऑफर लेटर भेजकर लोगों से ठगी करने की जानकारी प्राप्त हो रही थी।गिरोह की धरपकड़ के लिए थाना चौक कोतवाली पुलिस व साइबर क्राइम सेल की एक संयुक्त टीम को लगाया गया था।

एसपी ने बताया कि छनबीन व साक्ष्यों के आधार पर टीम ने ठगों को पकड़ने के लिए शनिवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे चौक कोतवाली थानाक्षेत्र की पॉश कॉलोनी साउथ सिटी में छापेमारी की और उन्नाव जिले के थाना कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला केसरी निवासी व सरगना धर्मेश शुक्ला, प्रतापगढ के थाना पट्टी क्षेत्र के ग्राम मजीठी निवासी मिथलेश कुमार प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में ठगों ने पुलिस को बताया कि जल जीवन मिशन और राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घरों में पानी की पाइप लाइन बिछाकर टंकी लगाई जानी है। दोनो ने इस योजना में सर्वे के लिए नौकरी के नाम पर लोगों को ठगने की योजना बनाई। नियुक्ति के सम्बंध में अखबार में फर्जी विज्ञापन छपवा दिया। लखनऊ के हजरतगंज में मुख्य कार्यालय खोल दिया। ताकि लोग आसानी से उनपर विश्वास कर लें। विज्ञापन देखकर कई लोगों ने उनसे फोन पर संपर्क किया। जिसपर इंटरव्यू के लिए लोगों को लखनऊ तथा शाहजहांपुर ऑफिस पर बुलाते तथा उनसे बायोडाटा, शैक्षिक प्रमाणपत्रों की छाया प्रति व फोटो आदि ले लेते।

इसके बाद रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग, बैंक खाता खोलने, जल जीवन मिशन की टी-शर्ट देने तथा पुलिस सत्यापन आदि के नाम पर व्यक्ति से 2500 से 5000 रुपये लेते थे। किसी का शक गहराए ना इसलिए शैक्षिक योग्यता के आधार पर नियुक्ति के लिए अलग-अलग पद बताते और फिर उनका फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करके दे देते थे। आरोपियों ने बताया कि अबतक करीब 2500 से 3000 लोगों से करीब 40-50 लाख रूपये ठग चुके हैं। यही नहीं उनकी योजना थी कि मतलब भर के रुपये इकट्ठा हो जाने के बाद वो लोग पैसा लेकर विदेश भाग जाते।

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