उत्तर प्रदेश

नवजात बच्चे को मारकर फेंकने के असल मुल्जिम दुष्कर्म के आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

Shiddhant Shriwas
14 Feb 2022 10:43 AM GMT
नवजात बच्चे को मारकर फेंकने के असल मुल्जिम दुष्कर्म के आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला
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फाइल फोटो 

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जनता से रिस्ता वेबडेस्क: नवजात बच्चे को मारकर फेंकने के असल मुल्जिम दुष्कर्म के आरोपी को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। जांच और बयान में यह तथ्य सामने आया था कि युवती दुष्कर्म के बाद ही मां बनी थी। इसी आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म की धारा बढ़ा दी थी, लेकिन वह फरार चल रहा था। रविवार को अंबेडकर तिराहा के पास से पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

इस प्रकरण में नवजात का शव मिलने के बाद अमर उजाला की पहल पर धारा 317 (12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे का परित्याग करना) में भाजपा नेता रुद्रेश तिवारी की तहरीर पर केस दर्ज किय गया था। पीपीगंज में नवजात बच्ची के मृत मिलने के मामले में दुष्कर्मी, किशोरी मां और नवजात की नानी को जेल भेजवाने के प्रकरण के बाद अमर उजाला को यह दूसरी सफलता मिली है
अमर उजाला ने बड़हलगंज के मिश्रौलिया गांव में पोखरे के पास मृत मिली नवजात की हत्या का ताना-बाना खोलते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की। इसके बाद एसएसपी के हस्तक्षेप पर हरकत में आई पुलिस ने आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) बढ़ाते हुए, बिन ब्याही मां और नानी को आरोपित बना दिया था।
उधर, बिन ब्याही मां ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में बताया था कि एक युवक ने शादी का झांसा देकर उससे जबरन शारीरिक संबंध बनाए। फिर शादी से इंकार कर दिया था। बार-बार संबंध बनाने की वजह से ही वह गर्भवती हो गई और फिर बच्ची का जन्म हुआ था। इसी आधार पर पुलिस ने युवक को दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने का आरोपित बनाया। रविवार को पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
कुछ ऐसे ही हालात में पीपीगंज में मौत के घाट उतारा गया था नवजात
कथित लोकलाज से बचने के लिए नवजात को मौत के घाट उतारने का कुकृत्य हमारे समाज में आदिकाल से होता चला आ रहा है। पाठकों को पता होगा कि एक ऐसा ही मामला, अमर उजाला की कोशिश से पीपीगंज में खुला था। 31 जनवरी 2020 को दर्ज इस मामले की तफ्तीश कैंपियरगंज थाना पुलिस ने की थी। इस मामले में एक प्रभावशाली परिवार के युवक ने एक नाबालिग को हवस का शिकार बनाया था। उससे एक बच्चे का जन्म हुआ।
बिन ब्याही किशोरी मां और उसकी मां ने नवजात को मारकर फेंक दिया था। अमर उजाला की पड़ताल पर सक्रिय हुई पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपित, नवजात को मौत के घाट उतारने वाली मां और किशोरी की मां को हत्या के आरोप में 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
यह थी घटना
तीन जनवरी को बड़हलगंज इलाके के मिश्रौलिया गांव में पोखरे के किनारे अपराह्न करीब 3.30 बजे नवजात बच्ची का शव मिला था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। 72 घंटे बाद हुए पोस्टमार्टम में सिर में चोट से मौत की पुष्टि हुई थी।
यह हो सकती है सजा
धारा 317: 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे का परित्याग करना (सजा-सात साल व जुर्माना)
धारा 304: गैर इरादतन हत्या (सजा-आजीवन कारावास)
धारा 376: दुष्कर्म (आजीवन कारावास या मृत्यु दंड)
धारा 452: जबरन घर में घुसकर दबाव बनाना (सजा- सात साल व जुर्माना)
धारा 506: धमकी देना (सजा-दो साल)
नवजात को फेंके जाने के मामले में पुलिस अब भी खाली हाथ
गोरखपुर जिले के गुलरिहा इलाके में नवजात को फेंके जाने के मामले में पुलिस अब भी खाली हाथ ही है। 18 जनवरी शाम सात बजे सियारामपुर में दुर्गा मंदिर के पीछे एक नवजात बच्ची फेंकी हुई मिली थी। पुलिस ने एसएसपी के आदेश पर केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन आज तक इसमें एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है।
दरअसल, पुलिस को इस प्रकरण की जांच में दिलचस्पी ही नहीं है। यही वजह है कि घटना के करीब एक महीने का समय बीतने वाला है, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर सकी है। हालांकि, केस के विवेचक व चौकी प्रभारी सरहरी शैलेंद्र शुक्ल का कहना है कि आशा और ग्रामीणों से पूछताछ कर जांच की जा रही है। चुनाव में ड्यूटी लगने से स्टॉफ की कमी की वजह से भी थोड़ी देरी हुई है। जल्द ही जांच पूरी कर पर्दाफाश किया जाएगा।
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