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पुलिस ने हत्यारोपी उमेश को किया गिरफ्तार, पत्नी समेत आधा दर्जन लोग हिरासत में
मोदीनगर: दो माह पूर्व हुई पीएचडी स्कॉलर अंकित खोखर की हत्या के मामले में पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है। हत्यारोपी ने अंकित के शव के आरी से चार टुकड़े कर गंगनहर में फेंक दिये थे। अंकित के दोस्त ने मोदीनगर थाने में मामले की शिकायत की थी। वहीं पुलिस जांच में पता चला कि मकान मालिक ने ही छात्र से बिजनेस करने के लिए 60 लाख रुपए उधार लिए थे। पैसा न देना पड़े इसलिए उसने वारदात को अंजाम दिया। हत्यारोपी ने मृतक के खाते से 40 लाख रुपए भी आॅनलाइन निकाल लिए। हालांकि पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर मकान मालिक को हिरासत में लिया है, जहां आरोपी ने गला घोटकर हत्या करना कबूल किया है। मगर पुलिस को अब तक शव के अवशेष नहीं मिल सके हैं। बागपत जिले में गांव मुकुंदपुर निवासी अंकित खोखर लखनऊ के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा था। तीन माह पूर्व ही उसने विश्वविद्यालय में अपनी फाइल जमाकर मोदीनगर स्थित राधा एन्क्लेव कॉलोनी में उमेश शर्मा के मकान में किराए पर कमरा लिया था। मृतक के मां-बाप की मृत्यु हो चुकी है। बागपत जिले में पुश्तैनी प्रॉपर्टी करीब डेढ़ करोड़ रुपए में अंकित ने पूर्व में बेची थी। जिसका पूरा पैसा उसके खाते में आया था।
गत सात अक्टूबर को अंकित संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। जब दो माह से मृतक के दोस्त का कोई संपर्क नही हुआ तो थाना मोदीनगर पर पहुंचकर उसके गुमशुदा होने की रिपोर्ट दी। मृतक के दोस्त का कहना है कि अंकित का मोबाइल आॅन है, मगर वह रिसीव नहीं कर रहा है। मैसेज करने पर जो रिप्लाई मिल रहा है, वह अंकित के मैसेज नहीं है। पुलिस ने जब मोबाइल नंबर के जरिए अंकित के बैंक अकाउंट की डिटेल्स निकाली तो पता चला कि उसके खाते आॅनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए रकम निकल रही है। अंकित की आखिरी बार लोकेशन भी उसके किराए वाले मकान की है। डीसीपी (ग्रामीण) डॉ. ईरज राजा ने बताया कि हत्यारोपी मकान मालिक उमेश को गिरफ्तार कर उसकी पत्नी समेत कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रहा है। आरोपी उमेश ने छह अक्टूबर को ही अपने दोस्तों को बुलाकर घर के अंदर अंकित खोखर की हत्या कर दी थी। फिर आरी से लाश के चार टुकड़े कर उन्हें मुरादनगर से निवाड़ी के बीच गंगनहर में फेंक दिया था।
पुलिस पूछताछ में आरोपी उमेश ने बताया कि उसे अंकित के खाते में रुपए होने की जानकारी थी। सितंबर माह में अंकित से बिजनेस करने के बहाने 60 लाख रुपए लिए थे। पता था कि अंकित के अलावा उसके परिवार कोई नही है। योजना बनाई अगर अंकित की हत्या कर दी गई तो उसे रुपए नही लौटाने पड़ेंगे। प्लानिंग के तहत उसकी हत्या कर अंकित के मोबाइल पर नेट बैंकिग चालू रखी। नेट बैंकिग द्वारा अक्टूबर से दिसंबर तक करीब 40 लाख रुपए खाते से निकाल लिए। पुलिस की दो टीमें मुरादनगर से निवाड़ी के बीच गंगनहर में सर्च आॅपरेशन कर रही है।