उत्तर प्रदेश

नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग के सरगना सहित छह आरोपियों को पुलिस ने दबोचा, जानिए पूरा मामला

Shiddhant Shriwas
15 Feb 2022 10:35 AM GMT
नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग के सरगना सहित छह आरोपियों को पुलिस ने दबोचा, जानिए पूरा मामला
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फाइल फोटो 

व्हाट्सएप पर भेजते थे फर्जी ऑफर लेटर

जनता से रिस्ता वेबडेस्क: एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस ने आगरा के शमशाबाद रोड स्थित गुलमोहर कॉलोनी से नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग के सरगना सहित छह नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग के सरगना सहित छह आरोपियों को पुलिस ने दबोचा, जानिए पूरा मामला है। सभी फोन पर लोगों का साक्षात्कार लेकर नौकरी लगने की बात कहते थे। इसके बाद मेडिकल, पुलिस सत्यापन, वीजा, पेपर वर्क आदि के नाम पर खातों में रकम जमा करा लेते थे, जिन नंबरों से कॉल करते थे उनको बंद कर लेते थे। आरोपी दो साल में तकरीबन दो करोड़ की ठगी कर चुके हैं।

एसटीएफ के निरीक्षक हुकुम सिंह के मुताबिक, पिछले कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि एक गैंग लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगी का शिकार बना रहा है। इस पर टीम को लगाया गया था। सोमवार रात को मुखबिर की सूचना पर शमशाबाद रोड स्थित गुलमोहर कॉलोनी में ऋषि कुमार के मकान में दबिश दी गई। यहां पर ठगी करने वालों ने ऑफिस खोल रखा था। इस दौरान छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार और बरामदगी
गिरफ्तार आरोपियों में जौनपुर के गांव धनधनुआ निवासी अजय कुमार, एटा के गांव हंस पुर निवासी पुष्पेंद्र कुमार, फतेहाबाद के गांव इदौन निवासी रामकिशन, धौलपुर के मनिया निवासी नारायण सिंह, अलीगढ़ के हरदुआगंज निवासी वीकेंद्र कुमार और थाना संत कबीर नगर के थाना बखिरा निवासी अमरेंद्र कुमार हैं। आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, 3115 रुपए, 23 मोबाइल, चार एटीएम, 32 सिम, 2 आधार कार्ड, एक-एक पैन कार्ड, श्रम कार्ड, पेनड्राइव, दो बाइक, ओटीजी केबल, चार फाइल और स्मार्ट वॉच बरामद की गई है।
व्हाट्सएप पर भेजते थे फर्जी ऑफर लेटर
एसटीएस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गैंग का सरगना अजय है। वह ओएलएक्स पर नौकरी का विज्ञापन देते थे। कॉल करने वालों को बताते थे कि कोरोना महामारी की वजह से फोन पर ही साक्षात्कार लिया जा रहा है। साक्षात्कार लेने के बाद अच्छी कंपनी में नौकरी की बात कही जाती थी। कई लोगों को विदेश में नौकरी की भी बात कहते थे। इसके बाद मेडिकल और पुलिस सत्यापन के नाम पर खातों में रकम जमा कराई जाती थी। व्हाट्सएप पर फर्जी ऑफर लेटर भेजते थे, फिर रुपयों की मांग की जाती थी।
एक व्यक्ति से 10 हजार से 25 हजार तक जमा करा लेते थे। जिन लोगों से विदेश में नौकरी लगने की बात कहते थे, उनसे वीजा, पेपर वर्क आदि के नाम पर भी रकम खातों में ट्रांसफर करा कर जमा करा लेते थे। जिन नंबरों से बात करते थे, उनकी सिम फर्जी आईडी पर ली गई होती है। खाते भी फर्जी दस्तावेजों की मदद से ही खुलवाएं हैं। इस मामले में रेंज साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपी दो साल में 100 से अधिक लोगों से तकरीबन दो करोड़ की ठगी कर चुके हैं। यह रकम को आपस में बराबर बांट लिया करते थे।
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