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पुलिस ने नौकरी का झांसा देने वाला इनामी को गिरफ्तार किया
कानपूर: मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय के बाहर लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले 25 हजार के इनामी संजय दुबे उर्फ उदित रंजन अवस्थी को हरबंशमोहाल पुलिस ने धर दबोचा. उसके पास से न्यायालय और सरकारी पदनामों की मोहरों के साथ उत्तर प्रदेश सरकार का एक फर्जी पहचान पत्र भी मिला है. 2019 में एक युवती ने शातिर के खिलाफ हरबंशमोहाल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. तभी से पुलिस को उसकी तलाश थी.
आठ अक्तूबर 2019 को नारियल बाजार कोतवाली निवासी शोभा वर्मा ने हरबंशमोहाल थाने में उदित रंजन अवस्थी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. शोभा ने जानकारी दी थी कि वह बेरोजगार और नौकरी के सिलसिले में 31 जनवरी 2019 को मुख्यमंत्री आवास गई थी. आवास के बाहर उसकी मुलाकात उदित रंजन से हुई. उदित ने सचिवालय का अपना कार्ड दिखाया और खुद को कृषि विभाग का ऑडिटर बताते हुए विभाग में बाबू के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया. उसने 2.5 लाख रुपये की मांग की. शोभा की रिपोर्ट के मुताबिक, तीन फरवरी 2019 से 21 जून 2019 तक उसने अलग-अलग स्थानों पर 1.88 लाख लिए. यही नहीं, आगरा के एक होटल में फर्जी परीक्षा दिलवाई और नियुक्ति पत्र भी दे दिया. शोभा ने धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाना और उनका प्रयोग करने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
मथुरा खोजने गई तो कानपुर आ गया शातिर
डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह के मुताबिक, आरोपित को तलाशने पर पता चला कि नौ 2024 को उसकी मथुरा की एक कोर्ट में पेशी है. पुलिस टीम मथुरा पहुंची तो वह कोर्ट से तिथि लेकर भाग निकला. मोबाइल नम्बर के जरिए ट्रेस किया तो उसकी लोकेशन कल्याणपुर में मिली. 10 को पुलिस ने घेराबंदी कर केसा चौराहा कल्याणपुर के पास उसे धर दबोचा.
नाम बदलकर करता था ठगी
पूछताछ में पता चला कि मूलरूप से नटवरनगर मोतीकुंज धौलीप्याऊ मथुरा निवासी संजय दुबे उर्फ अजीत रंजन अवस्थी उर्फ आनंद कृष्ण नाम बदलकर लोगों से ठगी करता था. कानपुर में वह मिर्जापुर खंड़जा कल्याणपुर में किराए पर रहता था. बताया कि ठगी करने के लिए वह दूसरे की आईडी पर लिए गए सिम का प्रयोग करता था.