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विजय दशमी पर लगने वाले मेले और रावण-मेघनाद, कुंभकर्ण के पुतले दहन को सुरक्षित व शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने के लिए भीड़ प्रबंधन में जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन आदि विभागों के अधिकारियों ने कमर कसी है। भीड़ में किसी अनहोनी की स्थिति में रेस्क्यू के लिए भी टीमें तैनात रहेंगी। अधिकारी लगातार मानीटरिंग करेंगे। भीड़ नियंत्रण के लिए रूट भी डायवर्ट किया गया है।
जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने शहर व आसपास के क्षेत्रों में बुधवार को विजय दशमी मेले, रावण दहन आदि आयोजनों को लेकर मजिस्ट्रेटों की भी ड्यूटी लगा दी है। वह स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ मानीटरिंग कर स्थिति पर नजर रखेंगे। रामलीला समितियों के पदाधिकारियों से सामंजस्य कर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी व्यवस्था बनाने में लगे हैं।
दीनदयाल नगर में रामलीला मैदान, लाजपतनगर के रामलीला समिति के द्वारा महाराजा हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज में और लाइनपार में रामलीला मैदान में विजय दशमी का मेला लगेगा। इसमें जुटने वाली हजारों की भीड़ को नियंत्रित करने और रावण-कुंभकर्ण-मेघनाद के पुतले दहन करने के दौरान किसी अनहोनी की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक-पुलिस, अग्निशमन, स्वास्थ्य विभाग तैयारी को अंतिम रूप देने में मंगलवार को जुटा रहा। किसी के साथ अनहोनी होने या तबीयत बिगड़ने पर इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम भी चिकित्सा इंतजाम के साथ उपलब्ध रहेगी।
यह रहेगा चिकित्सा इंतजाम
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एमसी गर्ग ने लाजपतनगर, दसवां घाट, कुंदनपुर और पंडित नगला के लिए चिकित्सक और उनके साथ टीम के सदस्यों की ड्यूटी लगा दी है। बुधवार को लाजपतनगर और छह अक्टूबर को दसवां घाट रामलीला मैदान पर रावण के पुतला दहन पर लगे मेले में वारसी नगर के नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. जियाउर रहमान चार सदस्यीय टीम के साथ मौजूद रहेंगे। इस टीम में नया गांव यूपीएचसी के फार्मासिस्ट मुद्स्सर नाज, कानून गोयान के वार्ड ब्वाय इरफान और सीएमओ कार्यालय के वाहन चालक कमल वाहन के साथ ड्यूटी निभाएंगे। वहीं कुंदनपुर में बुधवार और गुरुवार को पंडित नगला में जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक द्वारा गठित चिकित्सा टीम मौजूद रहेगी। टीम किसी की अचानक तबीयत बिगड़ने और किसी अप्रिय घटना की स्थिति में इलाज करेगी। इसके अलावा जिला अस्पताल की इमरजेंसी में 24 घंटे चिकित्सकों की टीम उपलब्ध रहेगी।
यह बरतें सावधानी
रामलीला मैदान में प्राथमिक उपचार किट के साथ रामलीला होने तक एंबुलेंस वाहन तैयार रखें।
सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित वॉलंटियर और अग्निशमन विभाग की टीम मौजूद रहे।
निकास द्वार से बैठने के स्थान की दूरी कम से कम 15 मीटर होनी चाहिए। निकलने के रास्ते का संकेतक आसानी से दिखने वाला हो।
किसी प्रकार की अफवाह न फैलाएं और न ही उन पर ध्यान दें।
मेले में बच्चों को अकेला न छोड़ें और न उन्हें इधर उधर मत जाने दें।
मेले में किसी प्रकार के पटाखे, ज्वलनशील पदार्थ लेकर न जाएं, धूम्रपान न करें।
छोटे बच्चों, महिलाओं, बीमार या वृद्ध व्यक्ति के गले में लॉकेट की तरह घर का पता व फोन नंबर अवश्य रख दें।
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आपदा विशेषज्ञ पंकज मिश्र का कहना है कि दशहरा-दुर्गा पूजा के दौरान पूजा पंडालों, मेला और रावण वध के दिन बच्चों, महिलाओं, युवकों और बुजुर्गों की भारी भीड़ जुटती है। इसमें सभी को सावधानी बरतनी चाहिए।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar