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दिल्ली। दिवाली के अवसर पर NGT की सख्ती के बावजूद दीवाली पर यूपी एनसीआर में खूब पटाखे फोड़े गए। जिससे इस क्षेत्र की हवा काफी जहरीली हो गई। दीवाली वाली रात मेरठ और गाजियाबाद का अधिकतम एअर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) एक बार 500 PM 2.5 पर पहुंच गया। जबकि मुजफ्फरनगर में अधिकतम एक्यूआइ का आंकड़ा 464 PM 2.5 पर जा पहुंचा। ग्रेटर नोएडा में अधिकतम एक्यूआइ 496 और बुलंदशहर में 437 और हापुड़ में 417 रहा। हांलाकि बागपत में तुलनात्मक रूप से अधिकतम एक्यूआइ 417 दर्ज किया गया।
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में 7 जिलों को शामिल किया गया है। पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ो की बात करें तो दीवाली यानी सोमवार की रात 11 बजे मेरठ और गाजियाबाद (इंद्रापुरम) का अधिकतम एक्यूआइ 500 पीएम 2.5 रहा। जबकि मुजफ्फरनगर में 464, ग्रेटर नोएडा (नालेज पार्क) 496 और बुलंदशहर 437, हापुड़ 417 और बागपत का अधिकत एक्यूआइ 417 रहा।
पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ो के आधार पर बात करें तो दीवाली को एनसीआर में औसत एक्यूआइ संतोषजनक रहा। सोमवार को मेरठ में औसत एक्यूआइ का आंकड़ा 277, ग्रेटर नोएडा 272, मुजफ्फरनगर 233, गाजियाबाद 266, बागपत 194, बुलंदशहर 331 और हापुड़ 155 रहा। ये आंकड़ा 25 अक्टूबर को सायं 4 बजे का है, क्योंकि नियमानुसार एक्यूआइ बुलेटिन सायं 4 बजे ही अपडेट होता है। 24 अक्टूबर को शाम 4 बजे तक पटाखे फोड़ने का सिलसिला शुरू ही नहीं हुआ था।
विशेषज्ञों के मुताबिक 0 से 50 एक्यूआइ को अच्छा माना जाता है। जबकि 51 से 100 तक सेटिसफैक्ट्री यानी संतोषजनक, 101 से 200 तक माडरेट और 201 से 300 तक पुअर यानी खराब, 301 से 400 तक वेरी पुअर यानी बहुत बुरा और 401 से 500 तक की स्थिति को काफी खतरनाक माना जाता है।
दीवाली पर जिलें में दर्ज किए गए एक्यूआइ आंकड़ो पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को संतोष है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह का कहना है कि वायु प्रदूषण के बढ़ने से लोगों को भी परेशानी का समाना करना पड़ा। हांलाकि इस दीपावली लोगों ने अपेक्षा से कम पटाखे और आतिशबाजी की। जिससे दीपावली के बाद वायू प्रदूषण का ग्राफ कम हुआ है।
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