उत्तर प्रदेश

सर्दी- गलन से निमोनिया बढ़ा, दो तरह के बैक्टीरिया हैं जिम्मेदा

Admin Delhi 1
31 Jan 2023 12:34 PM GMT
सर्दी- गलन से निमोनिया बढ़ा, दो तरह के बैक्टीरिया हैं जिम्मेदा
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आगरा न्यूज़: इस सीजन लंबे समय से सर्दी और गलन का राज है. ऐसे मौसम में निमोनियां का खतरा सबसे ज्यादा है. बच्चों के अलावा बड़ी उम्र के लोगों पर भी निमोनियां का हमला हो सकता है. सरकारी अस्पतालों में ऐसे रोगियों की तादाद बढ़ी है.

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन के मुताबिक ऐसे मौसम में बच्चों के लिए निमोनियां का खतरा सबसे ज्यादा है. विशेषकर नवजात का ध्यान रखने की जरूरत है. अव्वल तो उन्हें इससे बचाव के सभी टीके लगवाने चाहिए. इनमें न्यूमोकोकल टीका (पीसीवी) निमोनिया, सेप्टीसीमिया, मेनिंजाइटिस या दिमागी बुखार से बचाव करता है. साफ-सफाई भी बहुत जरूरी है. छींकते और खांसते समय मुंह और नाक को ढंक लेना चाहिए. समय-समय पर हाथों को साफ करते रहें. बच्चों को प्रदूषण से बचाएं, धूल मिट्टी या धूम्रपान वाली जगह से दूर रखें. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें पर्याप्त पोषण देना चाहिए.

जिला महिला अस्पताल (लेडी लायल) में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. खुशबू केसरवानी ने बताया कि निमोनियां दो तरह की बैक्टीरिया स्टेप्टोकोकस निमोनियां और हीमोफीलिया इन्फ्लूएंजा टाइप-बी के कारण होता है. बच्चों के लिए यह जानलेवा संक्रामक बीमारी है. इसे टीकाकरण कराकर ही रोका जा सकता है. इसके लिए न्यूमोकोकल कांजुगेट वैक्सीन यानि पीसीवी का टीका डेढ़, ढाई और साढ़े तीन महीने पर लगवाया जाना चाहिए. नौ माह पर बूस्टर डोज लगाई जाती है.

फेंफड़ों को संक्रमित करता है

निमोनियां सांस से जुड़ी बीमारी है. इसमें बैक्टीरिया, वायरस या फंगल के कारण फेंफड़ों में संक्रमण हो जाता है. आम तौर पर निमोनियां बुखार या जुकाम के बाद होता है. यह ठीक होने में 10 से 12 दिन लेता है. लेकिन, कई बार यह घातक हो जाता है.

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