उत्तर प्रदेश

पीएम मोदी ने गोरखपुर में एम्स और खाद कारखाने का उद्घाटन किया, भोजपुरी भाषा में दी लोगों को बधाई

jantaserishta.com
7 Dec 2021 8:14 AM GMT
पीएम मोदी ने गोरखपुर में एम्स और खाद कारखाने का उद्घाटन किया, भोजपुरी भाषा में दी लोगों को बधाई
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UP Elections 2022: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को 9600 करोड़ रुपये की सौगात दी. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि खाद कारखाना और गोरखपुर एम्स का लोगों को अरसे से इंतजार था. पीएम मोदी ने गोरखपुर में रिमोट का बटन दबाकर गोरखपुर खाद कारखाना एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर का लोकार्पण किया. इससे पहले, गोरखपुर पहुंचे पीएम मोदी का राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इस मौके पर सीएम योगी ने कोरोना प्रबंधन को लेकर पीएम मोदी की तारीफ की और कहा कि दुनिया इस बात की सराहना कर रही है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर को लगातार माना जाता था कि यहां बीमारी है. उन्होंने कहा कि यहां दिमागी बुखार, मलेरिया आदि विषाणुजनित बीमारियों से मौतें होती थीं. तब 2016 में आदरणीय प्रधानमंत्री ने इसी एम्स का शिलान्यास किया था और आज उद्घाटन भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गोरखपुर में इंसेफलाइटिस के मरीज आते थे तो उनका सैंपल टेस्ट के लिए पुणे भेजना पड़ता था. तब तक उस मरीज की मौत हो चुकी होती थी. लेकिन, पीएम मोदी की वजह से गोरखपुर रीजनल वायरल सेंटर में कोरोना के साथ इंसेफलाइटिस, कालाजार और मलेरिया समेत कई अन्य बीमारियों की जांच संभव हो पाएगी.
सीएम योगी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर देश की खाद्य सुरक्षा की गारंटी देनेवाला आत्मनिर्भर भारत एक तस्वीर पेश कर रहा है. इससे पहले, पीएम मोदी ने 9600 करोड़ रुपये के विकास परियोजनाओं की सौगात दी. इसमें 30 साल से अधिक समय से बंद रहा गोरखपुर उर्वरक संयंत्र भी शामिल है. इस संयंत्र की आधारशिला पीएम मोदी ने 22 जुलाई, 2016 में रखी थी. 30 सालों से भी ज्यादा अर्से तक बंद रहने के बाद इसे फिर से पूर्वरूप में लाया गया है और लगभग 8600 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया गया है.
एम्स, गोरखपुर की सुविधाओं में 750 बेड का अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के रहने के लिए आवास, यूजी और पीजी छात्रों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं. क्षेत्र में जापानी इंसेफेलाइटिस/एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की चुनौती से निपटने में केन्‍द्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ नया भवन संचारी और गैर-संचारी रोगों के क्षेत्रों में अनुसंधान के नए क्षितिज के साथ-साथ क्षमता निर्माण में मदद करेगा और क्षेत्र के अन्य चिकित्सा संस्थानों को मदद करेगा.


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