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बड़ी खबर
लखनऊ। प्रदेश के समस्त फार्मासिस्टों को अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उदेश्य से फार्मासिस्ट फेडरेशन ने आयोजन करने की तैयारियां शुरू कर दी है। जिसमें प्रदेश के फार्मेसिस्ट संवर्ग के लिए रोजगार सृजन, अधिकारों की रक्षा, जागरूकता, जनता को फार्मेसिस्ट के कार्य, दायित्व, योग्यता, तकनीकी दक्षता का ज्ञान कराने के लिए प्रदेश के फार्मेसिस्ट 9 जनवरी को फार्मेसिस्ट अधिकार दिवस मनायेंगे। यह कार्यक्रम फार्मासिस्ट यूथ विंग द्वारा किया जायेगा। विभिन्न संस्थानों में कार्यक्रम होंगे और इसी क्रम में सरकार को ज्ञापन भी प्रेषित करेंगे। यह बाते फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार ने शुक्रवार को जानकारी साझा करने हुए बताया कि एकाएक फार्मेसिस्टो की साख गिरनी शुरू हो गई है, फार्मेसिस्टो के पद समाप्त हो रहे हैं । कम्युनिटी हेल्थ आॅफीसर के पदों की संकल्पना करते समय नेशनल हेल्थ पॉलिसी में फार्मेसिस्टो को भी वैलनेस सेंटर पर तैनात किए जाने की बात नीतिगत रूप से डॉक्यूमेंट में लाई गई थी लेकिन व्यावहारिक रूप से उसे लागू नहीं किया गया । जब कम्युनिटी हेल्थ आॅफीसर के पदों का सृजन होना शुरू हुआ उस दौरान केवल नर्सिंग संवर्ग के लोगों को ही सीएचओ के योग्य माना गया और अब तो बीएससी नर्सिंग के कोर्स में सीएचओ की ट्रेनिंग को सम्मिलित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि सीएचओ को कुछ दवाएं वितरित करने का अधिकार दिया गया जो नैतिक रूप से फार्मेसिस्टो के अधिकारों का हनन है। जिला अस्पताल और महिला अस्पताल मिलाकर मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं और वहां पर पूर्व से सृजित पद समाप्त हो रहे हैं । प्रदेश के लगभग दो हजार फार्मेसिस्ट, चीफ फार्मेसिस्ट, प्रभारी अधिकारी फामेर्सी के पद समाप्त हो जाएंगे तो फिर नई नियुक्तियां कहां होंगी। आज भी आम जनता फार्मेसिस्टो को केवल दवा वितरण करने वाला ही मानती है । वहीं वरिष्ठ उपाध्यक्ष केपी नायक, उपाध्यक्ष ओपी सिंह, राजेश सिंह ने कहा कि फार्मेसिस्टों को आवाज उठानी पड़ेगी, अपनी योग्यता का प्रदर्शन करना होगा, अपने अधिकारों को जानना है और उसे सबको बताना है । लंबे संघर्ष, लंबे आंदोलन, लंबे सत्याग्रह की आवश्यकता है। संयोजक केके सचान ने कहा कि जनता को पता चले कि फार्मेसिस्ट क्या है, सरकार को भी पता चल जाए, तभी हमारी उपयोगिता सिद्ध हो पाएगी। उन्होंने कहा कि आज उप्र में ही लगभग डेढ़ लाख के आसपास पंजीकृत फार्मेसिस्ट तैयार हैं इन्हें केवल मेडिकल स्टोर खोल देना ही एकमात्र रास्ता बचा है। यूथ फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष आदेश, सचिव पीएस पाठक ने बताया कि 9 जनवरी को फार्मेसिस्ट अधिकार दिवस के रूप में मनाए जाने के साथ ही लखनऊ में केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक कर जनपदीय कमेटियों का गठन किया जाएगा ।
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