उत्तर प्रदेश

ईंधन अधिभार शुल्क का प्रस्ताव खारिज कराने के लिए याचिका

Harrison
2 Sep 2023 8:38 AM GMT
ईंधन अधिभार शुल्क का प्रस्ताव खारिज कराने के लिए याचिका
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उत्तरप्रदेश | उ.प्र. विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों के ईंधन अधिकार शुल्क के प्रस्ताव पर नियामक आयोग द्वारा शुरू की गई कार्यवाही की प्रक्रिया के खिलाफ आयोग में विरोध प्रस्ताव दाखिल किया. जिसके माध्यम से परिषद ने बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की है.
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने लिखा है कि ईंधन अधिभार शुल्क के लिए बनाए गए कानून के खिलाफ यह प्रस्ताव है. नियामक आयोग को कानून के खिलाफ दायर इस प्रस्ताव पर सुनवाई की कार्यवाही न कर इसे खारिज कर देना चाहिए. 2022-23 के अंतिम तिमाही के ईंधन अधिभार शुल्क की वसूली जुलाई, अगस्त व सितंबर में हो जानी चाहिए थी, अब इसके लिए सुनवाई शुरू किया जाना कानूनन ठीक नहीं है.
उपभोक्ताओं का सरप्लस निकलने पर नहीं बढ़ाई जा सकती हैं दरें यह भी लिखा है कि देश का कोई ऐसा कानून नहीं है जो राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ रुपये सरप्लस धनराशि निकलने पर भी बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की इजाजत दे. नियामक आयोग को लगता है कि पावर कारपोरेशन को ईंधन अधिभार मिलना चाहिए तो उसे उपभोक्ताओं के निकल रहे सरप्लस धनराशि से माइनस किया जाना चाहिए.
अंतिम तिमाही के लिए प्रस्ताव मई में दाखिल होना चाहिए था अवधेश वर्मा ने बताया है कि नियामक आयोग द्वारा जून 2020 में ईंधन अधिभार के लिए बनाए गए कानून के मुताबिक जनवरी, फरवरी व मार्च के तिमाही के ईंधन अधिभार शुल्क के लिए बिजली कपनियां हर हाल में मई माह में प्रस्ताव दाखिल करेंगी. इसकी वसूली जुलाई, अगस्त व सितंबर में होगी. 2022-23 के अंतिम तिमारी के ईंधन अधिभार शुल्क के लिए नियामक आयोग द्वारा ही अगस्त के अंतिम सप्ताह में सार्वजनिक परामर्श का आदेश जारी किया गया है. पावर कारपोरेशन की याचिका खारिज करने योग्य है.
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