उत्तर प्रदेश

आठ घंटे बिजली कटौती से लोग हुए परेशान

Admin Delhi 1
27 March 2023 12:49 PM GMT
आठ घंटे बिजली कटौती से लोग हुए परेशान
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अयोध्या: जिले में बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जरूरत से आधी बिजली मिलने के साथ ही फाल्ट ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। हालत यह हो गई है कि शहरी क्षेत्र तक में कभी अनुरक्षण तो कभी फाल्ट के नाम पर बिजली गुल हो जा रही है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिला कर हर दिन आठ घंटे बिजली कटौती से लोग हलकान हैं।

विभाग के अनुसार शेड्यूल के अनुसार बिजली देने के लिए 110 मेगावाट की जरूरत है। विभाग हर दिन पॉवर कॉरपोरेशन से इतनी बिजली की डिमांड भी कर रहा है, लेकिन पॉवर कॉरपोरेशन 50 मेगावाट की बिजली आपूर्ति कर रहा है। ऐसे में 60 मेगावाट कम बिजली मिल रही है। कम बिजली मिलने के साथ ही फाल्ट होने से आठ घंटे आपूर्ति कम हो गई है। किस्तों में दस घंटे आपूर्ति मिल रही है। हर रोज आठ घंटे बिजली कटौती से उपभोक्ताओं की सांसत हो गई है। उपभोक्ता मनीष, सर्वजीत, गोपाल, सीताराम, हर्षिता, कमलावती और गीता का कहना है कि रोजाना कटौती से बिजली गुल हो जा रही है। बिजली नहीं रहने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शहर में सबसे ज्यादा देवकाली, नियांवा, अमानीगंज, लालबाग क्षेत्र में फाल्ट के नाम पर बिजली गुल हो रही है।

जर्जर पोल के सहारे दौड़ाया जा रहा है हाईवोल्टेज करेंट

विद्युत उपकेंद्र पूरा बाजार व रसूलाबाद से विद्युत आपूर्ति लगभग 15 से 16 घंटे हो रही है। लेकिन विद्युत लाइन को लकड़ी के जर्जर पोल के सहारे चलाया जा रहा है। कई विद्युत लाइनें झाड़ियों से घिरी है। जिससे आए दिन आपूर्ति ठप होती है। उपकेंद्र रसूलाबाद के शांतिपुर नाई का पुरवा में कई वर्षों पुरानी 11000 की लाइन लकड़ी के पोल के सहारे चलाई जा रही है। शांतिपुर के राकेश प्रताप सिंह ,छोटू, सुखराम बताते हैं कि यह लाइन गंगौली चौराहे से लेकर हनुमत नगर चौराहे तक जाती है। इतनी लंबी लाइन है और लकड़ी के पोल के सहारे चलाया जा रहा है। कर्मा से लक्ष्मी दासपुर को आने वाली 440 वोल्टेज की लाइन बांस कोठ घिरी हुई है। जिससे अक्सर खराब हो जाती है। गांव के दिलीप कुमार राय, शिवराम राय ,विजय शंकर पांडेय बताते हैं कि लाइन को ठीक कराने के लिए कई बार कहा गया है।

गर्मी के साथ ही मांग और आपूर्ति में अंतर आयेगा। नगरीय क्षेत्र में कुछ इलाकों में ही आपूर्ति की समस्या है वह भी जहां खुदाई आदि हो रही है। अनुरक्षण तो विभाग की प्रक्रिया है। फिर भी यदि कहीं संकट है तो दिखवाया जायेगा।

- प्रदीप कुमार वर्मा, अधिशासी अभियन्ता प्रथम, अयोध्या

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