उत्तर प्रदेश

स्वर्गाश्रम झरने की अनोखी छटा देखने को उमड़ पड़े लोग

Admin Delhi 1
9 Aug 2023 2:20 PM GMT

झाँसी: उद्येत सिंह की नगरी बरुआसागर को जिसका इंतजार था, वह बारिश की झड़ी ने पूरी कर दी. रात-दिन की तेज बारिश से बुंदेलखंड का कश्मीर कहे जाने वाले स्वर्गाश्रम झरना का ‘गहना’ लौट आया है. यानी पानी की सफेद चादर पहाड़-पत्थरों से जमीन चूमने लगी है. इस मनोहरी दृश्य देखने सैलानी उमड़ पड़े. मोबाइल चमचमाए गए. सेल्फी ली गई.

खास बात यह है कि साल 2021-22 में यहां पानी में डूबने से छह मौतें हुई थीं. जिसको लेकर इस बार पुलिस-प्रशासन अलर्ट है. पालिका प्रशासन द्वारा बल्लियां लगाई गई हैं. सैलानियों के झरना के दोनों छोरों पर जाने पर रोक लगाई है. पुलिस भी पल-पल पर नजर रखे. वहीं लोग अपने आपको नहीं रोक सके. उन्होंने बल्लियां तोड़ दीं और पानी का लुत्फ लेते नजर आए. बारिश में बरुआसागर का स्वर्गाश्रम झरना की अनोखी छटा देखने का सभी को इंतजार रहता है. यहां तालाब में पानी बढ़ने के साथ झरना से सफेद चादर फिंकने लगती है. जो अपनी ओर आकर्षित करती है. झरना पिकनिक स्पॉट में तब्दील रहा. खास तौर युवा की संख्या यहां काफी थी.

2021 में यहां डूब गए थे छह लोग

साल 2021 में 14 सितंबर को झांसी के मोहल्ला बड़ाबाजार निवासी पीयूष वैश्य, शिवम गुप्ता की झरना तालाब में डूबने से मौत हो गई थी. यह दोनों करीब छह साथियों के साथ यहां पिकनिक मनाने आए थे. इसके बाद पानी में एक युवती की भी डूबने से मौत हुई थी. फिर इस साल एक युवक का भी शव बरामद हुआ था. सितंबर महीने के आखिरी में इसी साल एक और युवक की यहीं पर डूबकर मौत हो गई थी. लगातार हुई घटना के बाद इस बार पुलिस-प्रशासन खास अलर्ट है.

सैलानियों पर लगाई गई रोक

सहायक थाना प्रभारी अजमेर सिंह भदौरिया ने बताया कि झरना तालाब के किनारे और झरना चददर पर सैलानियों के जाने पर रोक लगाई गई है. इसके दोनों ओर सुरक्षा बेरीकेट्स लगाकर पुलिस बल भी तैनात किया गया है. साफ तौर कर कहा कि झरना तालाब परिसर में मांस-मदिरा सेवन पर पर प्रतिबंध रहेगा.


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