उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश वाले खाने-पीने, घूमने में खूब खर्च कर रहे

Admin Delhi 1
22 Aug 2023 3:56 AM GMT
उत्तर प्रदेश वाले खाने-पीने, घूमने में खूब खर्च कर रहे
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राज्यों के कर व करेत्तर राजस्व में प्रति व्यक्ति भार

लखनऊ: यूपी के लोगों की खरीद क्षमता खासकर कर से जुड़ी सेवाओं के उपभोग में तेज वृद्धि उभरकर सामने आई है. सेवाओं के उपभोग के एवज में कर देने में यूपी के लोग देश के बड़े राज्यों से तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं. खाने-पीने, संपत्ति बनाने, घूमने-फिरने, लग्जरी जीवनशैली में अधिक बिजली के उपभोग पर यहां लोग भी अब खुलकर खर्च करने लगे हैं.

विधानमंडल में रखे गए बजट की रूपरेखा पुस्तक में रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के हवाले से यूपी में प्रति व्यक्ति कर भार के आंकड़े यही बता रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी के लोगों ने 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में करीब 5000 रुपये अधिक कर सरकार को दिए हैं. यूपी के लोग जीएसटी से जुड़े उत्पादों व सेवाओं, वैट (पेट्रोल-डीजल), आबकारी (बियर, शराब), स्टांप (संपत्तियों की खरीद), मनोरंजन सेवाओं का खुलकर उपयोग करने लगे हैं.

नोटयह चार्ट बता रहा है कि यूपी के लोगों की करों में हिस्सेदारी अधिक बढ़ी है.

राजस्व में भारी वृद्धि

यूपी आज रेवेन्यू सरप्लस राज्य हो गया है. वर्ष 2016-17 में राज्य का कर राजस्व लगभग 86 हजार करोड़ था जो वर्ष 2021-22 में 01 लाख 47 हजार करोड़ से अधिक पहुंच गया.

सीएम की कोशिशें रंग लाने लगी हैं

यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का राज्य बनाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी की कोशिशें रंग लाने लगी हैं. तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ता के साथ अपनी ग्रोथ को बनाये रखने में सफल रही. वित्तीय वर्ष 2020-21 में जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) 16,45,317 करोड़ थी, जो 2021-22 में लगभग 20 की बढ़ोतरी के साथ 19,74,532 करोड़ हो गई है. वहीं, 2022-23 के लिए तैयार अग्रिम अनुमानों के आधार पर राज्य आय 21.91 लाख करोड़ से आंकलित हुई है.

नीति आयोग की रिपोर्ट राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार 2015-16 और 2019-21 के बीच जहां भारत मे रिकॉर्ड 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश में गरीबों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुआयामी गरीबों के अनुपात में सबसे व्यापक गिरावट उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई है. बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान जैसे राज्यों का नंबर अब यूपी के बाद आता है.

2020-21 के मुकाबले डेढ़ गुना बढ़ी क्षमता

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार को कर व शुल्क राजस्व के रूप में कुल 2 लाख 38 हजार 430 करोड़ रुपये ही मिले थे, जिसमें प्रति व्यक्ति की हिस्सेदारी 11945 रुपये थी. इस हिसाब से दो साल के अंदर करीब डेढ़ गुने की वृद्धि दर्ज की गई है.

राज्य 2021-22 2022-23 कुल वृद्धि (रुपये में)

उत्तर प्रदेश 14568 19567 4999

बिहार 11112 13363 2251

उत्तराखंड 26386 29724 3338

झारखंड 17318 19885 2567

महाराष्ट्र 26050 29826 3776

गुजरात 24190 27494 3304

कर सीधे-सीधे सेवाओं से जुड़ा हुआ विषय है. प्रति व्यक्ति कर देने का ग्राफ बढ़ने का मतलब है कि लोगों की कमाई बढ़ रही है और लोग सेवाओं का उपभोग खुलकर कर रहे हैं. इससे राज्य का विकास तेजी से हो सकेगा.

सैय्यद अब्बास रिजवी, सचिव वित्त

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