उत्तर प्रदेश

सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी के लोगों ने अधूरे कामों को पूरा करने के लिए आईआरपी के प्रस्ताव के विरोध किया

Admindelhi1
13 May 2024 4:50 AM GMT
सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी के लोगों ने अधूरे कामों को पूरा करने के लिए आईआरपी के प्रस्ताव के विरोध किया
x
सोसाइटी में आईआरपी के प्रस्तावों का विरोध

नोएडा: सेक्टर-74 की सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी के लोगों ने अधूरे कामों को पूरा करने के लिए आईआरपी के प्रस्ताव के विरोध की घोषणा की है. एओए का कहना है कि वह तीन को अदालत में वकीलों के माध्यम से प्रस्तावों का विरोध करेंगे. आईआरपी का कहना कि वह प्रोजेक्ट को पूरा कर रजिस्ट्री कराने के लिए प्रस्ताव लाए हैं. कुछ लोग इसका गलत तरीके से विरोध कर रहे.

सुपरटेक लिमिटेड के 18 प्रोजेक्टों पर एनसीएलटी के आदेश से आईआरपी नियुक्त है. इसी कंपनी के तहत सेक्टर-74 स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी भी है. यह नोएडा की सबसे बड़ी आवासीय सोसाइटी है. इसमें 4600 से अधिक फ्लैट हैं. सोसाइटी की एओए के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने कहा कि एनसीएलटी से नियुक्त आईआरपी हितेश गोयल ने फ्लैट खरीदारों से वार्ता किए बिना ही एनसीएलएटी में समाधान प्रक्रिया का प्रस्ताव दिया है.

उनका आरोप है कि घर खरीदारों की सहमति के बिना ही उनके प्रतिनिधि के रूप में एक व्यक्ति के नाम की घोषणा कर दी गई. उनके द्वारा, जो प्रस्ताव दिया गया है, उससे घर खरीदारों पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ेगा. प्रस्ताव में बताया गया है कि केपटाउन में सिर्फ 750 फ्लैटधारकों के क्लेम प्राप्त हुए हैं, जबकि लगभग 2500 फ्लैट धारकों की रजिस्ट्री नहीं हुई है या फिर उन्हें फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला है. प्रस्ताव में केपटाउन प्रोजेक्ट में आधी अधूरी साझा सुविधाओं तथा वैधानिक जरूरतों जैसे पानी का कनेक्शन, बिजली के आधारभूत ढांचे, कूड़ा निस्तारण प्रणाली, बेसमेंट में यांत्रिक पंखे, भूमिगत पार्किंग आदि को पूरा करने का कहीं पर कोई जिक्र नहीं है और न ही निवासियों के साझा रखरखाव फंड की वापसी का प्रावधान किया है.

एओए के अध्यक्ष का कहना है कि प्रस्ताव में नियमों के विपरीत अतिरिक्त एफएआर का निर्माण करने और निवासियों की सुविधाओं को बेचने का भी प्रावधान है. आईआरपी द्वारा फ्लैट खरीदारों से प्राधिकरण को फ्लैट के समानुपात में जमीन की कीमत का भुगतान करने का प्रस्ताव दिया गया है, जबकि फ्लैट खरीदारों ने बिल्डर को भुगतान कर दिया गया है. इससे हर खरीदार पर 10 से 20 लाख का बोझ पड़ेगा.

Next Story