उत्तर प्रदेश

दादरी विधानसभा क्षेत्र में दलेलपुर गांव के लोग फिर नाव से वोट देने जाएंगे

Admindelhi1
15 April 2024 6:45 AM GMT
दादरी विधानसभा क्षेत्र में दलेलपुर गांव के लोग फिर नाव से वोट देने जाएंगे
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इस लोकसभा चुनाव के लिए भी यहां पोलिंग सेंटर नहीं बना है

नोएडा: दादरी विधानसभा क्षेत्र में यमुना नदी के दूसरी ओर बसे दलेलपुर गांव मंि वर्ष 1982 से लेकर आज तक पोलिंग सेंटर नहीं बना है. यहां के ग्रामीणों को मतदान के लिए गुलावली ग्राम पंचायत में बने पोलिंग सेंटर जाना पड़ता है. इसके लिए नाव से किलोमीटर और सड़क मार्ग से 70 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है. इस लोकसभा चुनाव के लिए भी यहां पोलिंग सेंटर नहीं बना है. ऐसे में मतदाताओं को फिर नाव से मतदान करने जाना होगा या फिर लंबी दूरी तय करनी होगी.

लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद भी प्रशासन या किसी भी पार्टी का जनप्रतिनिधि दलेलपुर गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा है.

दलेलपुर के रहने वाले गुरमीत सिंह ने बताया कि करीब 400 मतदाताओं वाला यह गांव 1982 तक हरियाणा और उससे पहले तत्कालीन पंजाब का हिस्सा था. यह गांव तरफ से हरियाणा की सीमा और एक तरफ से यूपी की सीमा से होकर यमुना नदी के दूसरी तरफ बसा है. हरियाणा की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के दलेलपुर गांव में 45 घर हैं. आजादी के बाद पहली बार साल पहले ग्राम पंचायत चुनाव में अपना प्रधान चुना था, लेकिन गांव के लोगों को वोट डालने के लिए नाव से नदी पार कर ग्राम पंचायत गुलावली जाना पड़ा. इस बार भी लोगों को कालिंदी कुंज होते हुए नोएडा से ग्रेटर नोएडा और फिर गुलावली ग्राम पंचायत जाना पड़ेगा. उन्हें करीब 70 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ेगी. अगर मंझावली वाले पुल से आएंगे तो उन्हें करीब 50 किलोमीटर चलना पड़ेगा. नाव से नदी पार करने पर यह दूरी 3 किमी के आसपास होगी. उनका कहना है कि वह सालों से नाव से ही वोट डालने आते रहे हैं. गौतम बुद्ध नगर में चाहे कितना भी विकास हो गया हो, लेकिन उनकी सुध सरकार और अधिकारी नहीं ले रहे.

बीएलओ नहीं पहुंचे

दलेलपुर गांव के रहने वाले नीरज त्यागी ने बताया कि गांव में काफी संख्या में युवा 18 वर्ष की आयु पूरी कर लिए, उनका वोटर लिस्ट में नाम चढ़ाने के लिए भी कोई बीएलओ नहीं पहुंचा है. इतना ही नहीं, बुजुर्गों का आधार कार्ड और पेंशन बनाने के लिए भी कोई नहीं आया.

नेताओं ने नहीं ली सुध

दलेलपुर गांव के प्रधान कैलाश चपराना का कहना है कि उनके गांव में आज तक कोई लोकसभा प्रत्याशी नहीं आया. चुनाव जीतने के बाद भी कोई नेता गांव में नहीं पहुंचा. उन्होंने बताया कि इस समय उनके गांव में करीब 400 मतदाता हैं.

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