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चुनाव में जनता ने युवा चेहरों को तवज्जो दी, निरक्षरों से लेकर पीएचडी तक बने पार्षद
![चुनाव में जनता ने युवा चेहरों को तवज्जो दी, निरक्षरों से लेकर पीएचडी तक बने पार्षद चुनाव में जनता ने युवा चेहरों को तवज्जो दी, निरक्षरों से लेकर पीएचडी तक बने पार्षद](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/05/15/2889184-e240ff71051e86fca735b223a4a514c1.webp)
गाजियाबाद न्यूज़: अब गाजियाबाद नगर निगम की कमान युवा नेतृत्व के हाथों में है. नगर निकाय चुनावों में जनता ने युवा चेहरों को तवज्जो दी है. आधे से ज्यादा पार्षद 45 साल से कम उम्र के चुने गए हैं.
इससे लोगों को शहर के विकास की उम्मीद बढ़ गई है, क्योंकि युवा फील्ड में ज्यादा सक्रिय रहते हैं. अब देखना ये है कि ये युवा पार्षद जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं. नगर निकाय चुनावों के परिणामों की तस्वीर साफ हो गई, जिसमें शहर की सरकार में युवा चेहरों को बड़ी जीत हासिल हुई है. शहर में कुल 100 वार्ड हैं, जिनमें से 52 पार्षद ऐसे हैं जो 45 साल या उससे कम उम्र के हैं. वहीं, 34 पार्षद 55 साल या उससे कम उम्र के चुनकर आए हैं. इसके अलावा छह पार्षद 60 साल से कम और इससे ऊपर 66 साल के श्री भगवान अग्रवाल एकमात्र पार्षद हैं जो वार्ड नंबर 97 रामप्रस्थ से जीते हैं. वहीं, सबसे युवा 26 साल के विनीत दत्त हैं जिन्होंने वार्ड नंबर 22 दौलतपुरा से जीत हासिल की है.
निरक्षरों से लेकर पीएचडी तक बने पार्षद
निकाय चुनावों में 100 सीटों में से सबसे ज्यादा 37 पार्षद स्नातकधारी हैं. 14 पार्षदों ने 12वीं और 14 पार्षदों ने 10 वीं तक की शिक्षा ग्रहण की है. सात पार्षदों के पास परास्नातक की डिग्री है और सात ही ऐसे हैं, जिन्होंने जूनियर हाईस्कूल तक की पढ़ाई की है. 9 पार्षद केवल पांचवीं तक ही पढ़ाई की. दो के पास डिप्लोमा है और छह पार्षद ऐसे चुने गए हैं जो निरक्षर हैं जिन्होंन कोई पढ़ाई नहीं की है. 100 में से दो डिप्लोमाधारी हैं. वार्ड नंबर 45 से जीतने वाली महिला पार्षद सुनंदा सिंह ही एकमात्र हैं जो सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी हैं. उन्होंने पीएचडी तक शिक्षा ली है.