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नोएडा: उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क चिल्ला एलिवेटेड रोड के निर्माण के समय भुगतान के लिए कौन सा मॉडल अपनाया जाए, यह निर्णय अब शासन स्तर पर होगा. इसके लिए नोएडा प्राधिकरण शासन को पत्र लिखेगा. इससे पहले सेतु निगम से लिखित में प्रस्ताव मांगा गया है.
दोबारा से बैठक होगी.
सेक्टर-29 गंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स स्थित नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के दफ्तर में प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने सेतु निगम और प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में किस मॉडल को अपनाया जाए, इसको लेकर सहमति नहीं बनी. ऐसे में यह निर्णय शासन स्तर से कराने का निर्णय लिया गया. प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि भुगतान प्रक्रिया दो तरह की होती है. पहली, आइटम रेट के जरिए और दूसरा, परियोजना के अलग-अलग स्तर पर होने वाले काम के हिसाब से. इसे ईपीसी कहते हैं. इसमें डिजाइन से लेकर स्वायल टेस्ट और निर्माण की जिम्मेदारी ठेकेदार कंपनी की होती है. जैसे जैसे निर्माण का एक-एक स्टेप पूरा होता जाता है. उसे भुगतान किया जाता है. गौरतलब है कि चिल्ला एलिवेटेड रोड के लिए करीब 787 करोड़ के बजट को यूपी सरकार मंजूर कर चुकी है. ये एलिवेटेड दिल्ली से जोड़ा जाएगा. इस पर आने वाले खर्चे को नोएडा प्राधिकरण व शासन 50-50 प्रतिशत मिलकर वहन करेंगे. परियोजना की निगरानी का जिम्मा भी नोएडा प्राधिकरण के जिम्मे रहेगा.
यह एलिवेटेड रोडा नोएडा में सेक्टर-1 से लेकर 18 तक ट्रैफिक का दबाव कम करेगा. दिल्ली के लोग बगैर नोएडा के जाम में फंसे सीधे नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर निकल कर ग्रेटर नोएडा पहुंच सकेंगे. इसके अलावा यमुना एक्सप्रेसवे पर जाने वालों को राहत मिलेगी.