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संजीव जीवा की मौत के बाद पायल माहेश्वरी का गैंगस्टर सूची में आया नाम
मुजफ्फरनगर। लखनऊ कोर्ट में पिछले बुधवार को गैंगस्टर संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के बाद अगर कोई नाम चर्चा में है, तो वो है संजीव की पत्नी गैंगस्टर पायल माहेश्वरी का। सभी की जुबान पर बस यही सवाल है कि आखिर संजीव की पत्नी पायल कौन है? जो धमकी, फिरौती और गैंगस्टर के आरोप में अब फरार है।
अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और मुख्तार की पत्नी अफशा अंसारी के बाद अब संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी का नाम गैंगस्टर लेडी की लिस्ट में सबसे ऊपर आ गया है। पायल कौन है? कैसे वो संजीव से मिली? संजीव के जेल जाने पर कैसे उसने उसका पूरा कारोबार संभाला ? कैसे उसने चुनाव लड़ा ? कैसे वो खुद एक गैंगस्टर बन गई ? फिर फरार हो गई और आखिर में पति की मौत के बाद उसकी अंतिम यात्रा में भी शामिल नहीं हो पाई ?
इस खबर में आपको इन सारे सवालों के जवाब मिलेंगे। साथ में आपको संजीव और पायल की लव स्टोरी के बारे में भी बताएंगे। आखिर कैसे संजीव का दिल अपने से 15 साल छोटी लड़की पर आया ? अभी पायल की उम्र 35 साल है। वहीं संजीव जीवा की उम्र 50 साल के करीब बताई जा रही है।
पायल माहेश्वरी शर्मा परिवार से आती है। गाजियाबाद के मोदीनगर में उसके बचपन के दिन बीते। पायल माहेश्वरी की पढ़ाई गाजियाबाद में ही हुई है। वो बेहद ही साधारण परिवार से है। स्थानीय लोगों के अनुसार, पायल बहुत ही सरल और मृदुल स्वभाव की है। उनका व्यवहार सभी से अच्छा था। उसकी शादी के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी। हमें बस ये पता चला था कि उसकी शादी हो चुकी है। लंबे समय तक पायल अपने घर नहीं आई। इसके बाद राजनीति में आने के बाद वो हमें यहां दिखी थी, लेकिन अब वो काफी बदल चुकी थी।
ऐसा बताया जाता है कि संजीव की मुलाकात पायल से तब हुई थी, जब वो अपराध की दुनिया में पूरी तरह से अपने कदम जमा चुका था। दो-दो हत्याओं में उसका नाम आ चुका था। एक मामले में तो उसको उम्र कैद की सजा भी हो चुकी थी। मुख्तार का करीबी होने के कारण वो अक्सर जेल से जमानत और पैरोल पर बाहर आ जाया करता था।
उसके लिए ऐसा करना बड़ी बात नहीं थी। तब तक संजीव का बिजनेस, उसके अपराध गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, दिल्ली, मेरठ समेत कई जगहों पर फैल चुके थे। इन जगहों पर उसकी पकड़ भी बढिय़ा बनी हुई थी। बड़े-बड़े लोग क्षेत्र में अपना रुतबा बनाने के लिए उसको अपने यहां बुलाया करते थे।
मुजफ्फरनगर में संजीव के एक करीबी बताते हैं, ये बात 2004 की है, गाज़ियाबाद में एक शादी समारोह था। जहां संजीव भी गया था और पायल भी आई हुई थी। वहां पर संजीव ने पहली बार पायल को देखा और देखता ही रह गया। पायल की सुंदरता में वो पूरी तरह खो चुका था। इतना बड़ा अपराधी एक पल में साधारण सा लड़का बन गया था। सब कुछ भूल कर वो पायल के पीछे लग गया। उसे शादी में पायल से बात करने का मौका नहीं मिला, लेकिन उसकी सारी डिटेल उसने निकलवा ली।
अब संजीव का ज्यादा से ज्यादा समय गाजियाबाद की मोदीनगर तहसील में बीतने लगा। उसका सुबह-शाम का अड्डा पायल की गली बन चुका था। आते-जाते, हर समय वो पायल पर नजर रखता। ऐसा करीब 2-3 महीने तक चलता रहा। पायल भी संजीव को नोटिस करती, लेकिन कुछ बोलने की हिम्मत नहीं कर पाती। इस बीच संजीव ने उससे प्यार का इजहार भी किया। हालांकि बताते हैं कि उसे धमकाया भी था।
फिर धीरे-धीरे संजीव और पायल की मुलाकात शुरू हो गई। उसके बाद शुरू हुआ दोनों के बीच प्यार का सफर जो शादी तक पहुंच गया। संजीव और पायल की मुलाकात और बातचीत की बात जब पायल के घर पहुंची, तो घरवाले डर गए।
वो लोग इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे। रिश्ता मना करने के लिए संजीव जीवा का नाम ही काफी था। फिर भी उन लोगों ने पायल को मना किया। लेकिन उसको रोकने की हिम्मत नहीं कर पाए। जिसके बाद पायल और संजीव ने हरिद्वार में साल 2006 में सात फेरे ले लिए।
शादी के कुछ ही साल बाद संजीव फिर जेल चला गया। हालांकि ऐसा बताया जाता है कि संजीव जेल में तो बस नाम के लिए ही था। वो परमानेंट जेल के अस्पताल के एक वीआईपी रूम में रहता था। वहां पर वो लोगों से मुलाकात भी किया करता था। उससे मिलने वालों में सबसे टॉप पर पायल का नाम शामिल था। पायल ने संजीव के जेल जाने के बाद उसके सारे काम संभाले। यूपी से लेकर दिल्ली तक फैले उसके सारे शोरूम, ट्रेडिंग, प्रॉपर्टी और विवादों को पायल ही डील करती थी।
यहां तक कि संजीव का 40 लोगों का गैंग भी पायल ही ऑपरेट करती थी। इतना ही नहीं, शामली के गांव वाले घर पर भी पायल नजर रखती थी। मुजफ्फरनगर छोड़कर पायल परिवार के साथ दिल्ली शिफ्ट जरूर हो गई थी, लेकिन मुजफ्फरनगर में पायल का ठिकाना हमेशा रहता था, यहां पर लगभग उसकी 50 करोड़ से ज्यादा संपत्ति थी। इसके अलावा दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ समेत उसका कारोबार कई क्षेत्रों तक फैला था।
बताते है कि पायल-संजीव के पास लगभग 100 करोड़ की संपत्ति है। संजीव के गैंग के सदस्य पायल के एक इशारे पर कोई भी घटना कर देते थे। अब धीरे-धीरे पायल पूरी तरह से संजीव के रंग में रंग चुकी थी।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।