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अस्पतालों में बुखार-सांस संबंधी तकलीफ के मरीज बढ़े
नोएडा न्यूज़: जिले के अस्पतालों में बुखार और सांस संबंधी तकलीफ से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. जिला अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार फिजिशियन की ओपीडी में मरीजों की संख्या में लगभग 30 फीसदी का इजाफा हुआ है. कोरोना संदिग्ध रोगी मिलने पर डॉक्टर जांच की सलाह दे रहे हैं.
जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ थी. अस्पताल के फिजीशियन डॉ. प्रदीप शैलेट ने कहा कि सेक्टर 39 और सेक्टर 30 में फिजीशियन की ओपीडी में 15 दिन पहले तक रोजाना 500 से 550 मरीजों की ओपीडी हो रही थी. वहीं अब यह बढ़कर 700 तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि इसमें बुखार और सांस संबंधी मरीजों की संख्या 60 फीसदी तक है. कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र ने कहा कि सेक्टर 39 स्थित इमारत में कोरोना का एक भी रोगी भर्ती नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना रोगियों के लिए सभी 240 बिस्तर आरक्षित हैं.
वहीं सेक्टर 24 स्थित ईएसआई अस्पताल में भी मरीजों की भीड़ हो रही है. अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ. सोना बेदी ने कहा कि वायरल से मरीज बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल का सातवां फ्लोर कोरोना रोगियों के लिए आरक्षित है. वार्ड में 22 बिस्तर हैं. सभी ऑक्सीजन से युक्त हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने देर से जांच बढ़ाई शासन की ओर से रोजाना 500 से अधिक जांच का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया गया था लेकिन विभाग ने देर से जांच बढ़ाई. बीते हफ्ते के शुरुआती दिन तक विभाग की ओर से रोजाना औसतन 259 मरीजों की कोरोना जांच की जा रही थी. बाकी मरीजों को जांच के लिए परेशान होना पड़ रहा था. इसके बाद विभाग ने जांच बढ़ाई है. की रिपोर्ट के अनुसार 24 घंटे 1148 कोरोना संदिग्ध रोगियों के नमूनों की जांच की थी.
जांच से डर रहे रोगी
डॉक्टरों के अनुसार कोरोना जांच से रोगी डर रहे हैं. जांच लिखने के बाद कई रोगी दवा लेकर अस्पताल से निकल जाते हैं. भंगेल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. यतेंद्र सिंह ने कहा कि एक माह में बुखार, सर्दी और जुकाम से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. एक माह पहले तक जहां रोजाना औसतन 100 रोगी इलाज के लिए पहुंच रहे थे. वहीं अब यह संख्या बढ़कर 200 तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि हर संदिग्ध रोगी को जांच लिखी जा रही है. इनमें से कई ऐसे हैं, जो बिना जांच कराएं निकल जाते हैं.
दवाओं और ऑक्सीजन की पर्याप्त सुविधा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि अस्पतालों में दवाओं का पर्याप्त व्यवस्था है. सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों पर ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा है.