उत्तर प्रदेश

एमएमजी अस्पताल में हीमोफीलिया की वैक्सीन खत्म होने से मरीजों को दिक्कत

Admindelhi1
2 March 2024 7:59 AM GMT
एमएमजी अस्पताल में हीमोफीलिया की वैक्सीन खत्म होने से मरीजों को दिक्कत
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प्रतिदिन तीन मरीज बिना वैक्सीन लगवाए लौट रहे हैं

गाजियाबाद: एमएमजी अस्पताल में हीमोफिलिया फैक्टर-आठ की वैक्सीन खत्म हो गई है. मरीजों को बाजार से महंगे दामों पर इंजेक्शन खरीदना पड़ रहा. हालत यह है कि प्रतिदिन तीन मरीज बिना वैक्सीन लगवाए लौट रहे हैं.

एमएमजी अस्पताल के इमरजेंसी में हीमोफीलिया की बीमारी से ग्रसित प्रतिदिन पांच से छह मरीज पहुंच रहे हैं. इनमें तीन से चार हीमोफिलिया ए और बाकी हीमोफिलिया बी के हैं. हीमोफिलिया ए के मरीजों को फैक्टर-आठ इंजेक्शन की डोज लगती है. इसी तरह हीमोफिलिया बी के मरीजों को फैक्टर-नौ की वैक्सीन लगाई जाती है. इमरजेंसी में फैक्टर-आठ की वैक्सीन का कोटा एक सप्ताह से खत्म है. इमरजेंसी में पहुंचे गांव भूडिया धौलाना निवासी नितिन कुमार को लौटा दिया गया. बेटे को इंजेक्शन लगवाने पहुंचे कविनगर निवासी अंकुर जैन को भी इंजेक्शन न होने का कारण बताकर वापस भेज दिया गया. मेरठ मंडल के बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, बागपत और मेरठ का एकमात्र केंद्र गाजियाबाद को बनाया गया है. इन सभी जिलों के मरीज एमएमजी अस्पताल में आते हैं.

महंगा है इंजेक्शन: हीमोफीलिया की बीमारी में लगने वाला इंजेक्शन बाजार में 4 हजार से पांच हजार कीमत का है. बाजार में कैटेगरी 8 और 9 के इंजेक्शन की कीमत महंगी होने से गरीबों के लिए इलाज काफी दूर है. यही वजह है कि सरकार ने इंजेक्शन की व्यवस्था सरकारी स्तर पर की गई है.

क्या है हीमोफीलिया: हीमोफीलिया एक प्रकार का ब्लीडिंग डिसऑर्डर (रक्तस्राव विकार) है. यह जेनेटिक रोग है. इसके कारण शरीर में रक्त के थक्के जमने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और शरीर से बह रहा खून जल्दी नहीं रुक पाता है. कुछ गंभीर मामलों में शरीर के अंदर रक्त बहने लगता है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति का समय पर इलाज न होने पर उसकी मृत्यु भी हो सकती है. यह रोग महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक देखा जाता है. टाइप ए - इस प्रकार के हीमोफीलिया को क्लासिक हीमोफीलिया के रूप में भी जाना जाता है. यह रोग ब्लड क्लॉटिंग फैक्टर-8 की कमी के कारण होता है. टाइप बी - इसे क्रिसमस रोग के रूप में भी जाना जाता है. यह क्लॉटिंग फैक्टर-9 की कमी के कारण होता है.

फैक्टर-8 के इंजेक्शन खत्म होते ही लखनऊ से वैक्सीन की मांग कर दी गई थी. वैक्सीन का कोटा अस्पताल में पहुंच गया है. से इमरजेंसी में वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी.

-डॉ. मनोज चतुर्वेदी, सीएमएस, एमएमजी अस्पताल, गाजियाबाद

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