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लखनऊ: शहर के सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों से तीमारदारों को अपने जाल में फंसाकर मरीजों की शिफ्टिंग का खेल करने वाले दलालों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है.
लोहिया संस्थान परिसर की इमरजेंसी से दलाल तीमारदारों को मरीज का सस्ता और बेहतर इलाज कराने का झांसा देकर उसे गोमतीनगर के एक निजी अस्पताल ले गया. वहां तीन दिन में इलाज के नाम पर दो लाख रुपए का बिल थमा दिया गया. तीमारदारों का आरोप है कि भारी भरकम बिल देख मरीज को डिस्चार्ज करने के लिए कहा तो मरीज को बंधक बना लिया गया. तीमारदारों को अस्पताल से बार कर दिया गया और जल्द से जल्द रुपए जमा करने को कहा है.
बलरामपुर के भगौतीगंज निवासी देवमणि पाठक को झटके आ रहे थे. जिला अस्पताल के डाक्टरों ने मरीज को लोहिया संस्थान रेफर कर दिया. तीमारदार चार दिन पहले मरीज को लोहिया की इमरजेंसी लेकर पहुंचे. इसी बीच इमरजेंसी के अंदर पहुंचे एक दलाल ने तीमारदारों को सस्ता और बेहतर इलाज का झांसा देकर अपने चंगुल में फंसा लिया. बताया था कि 20-30 हजार रुपए में पूरा इलाज हो जाएगा. फिर मरीज को गोमती नगर हुसड़िया चौराहा स्थित निजी हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया. मरीज के भाई सोमू का आरोप है कि चार दिन में दो लाख का बिल पकड़ा दिया गया. बिल भुगतान में असमर्थता जताई तो अस्पताल से बाहर कर बिल जमा करने के बाद मरीज ले जाने को कहा गया. अब तीमारदार निजी अस्पताल में भर्ती अपने मरीज के पास भी नहीं जा पा रहे हैं.