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यात्रियों को हो सकती है परेशानी अब 25 लोग होने पर ही चलेंगी रोडवेज बसें

रोडवेज : रोडवेज की बसें अब भरकर ही चलेंगी। 25 यात्री होने पर ही बस स्टेशन से गंतव्य के लिए रवाना होंगी। उससे कम होने पर बस नहीं चलेगी। जुलाई और अगस्त में यात्रियों की संख्या कम होने के कारण घाटा होने पर परिवहन निगम ने नई व्यवस्था शुरू की है। नई व्यवस्था में गोरखपुर से दिल्ली और लखनऊ रूट पर विशेषकर रात के समय चलने वाली बसें कम हो गई हैं। गोरखपुर डिपो से प्रतिदिन पांच बसें दिल्ली के लिए चलती थीं, अब चार चल रही हैं। गोरखपुर डिपो से लखनऊ के लिए प्रतिदिन 20 बसें चलती थीं, अब 15 ही चल रही हैं। राप्तीनगर डिपो की राजधानी एक्सप्रेस बस को प्रयागराज रूट पर चलाया जा रहा है। यात्रियों की संख्या भले ही कम हो गई है, लेकिन दिल्ली और लखनऊ के जो नियमित यात्री हैं उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें बस स्टेशनों पर इंतजार करना पड़ रहा है। लोग प्राइवेट बस या ट्रेनों से अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं। सर्वाधिक परेशानी रात के समय यात्रा करने वालों को हो रही है। गोरखपुर परिक्षेत्र में पिछले वर्ष निगम को 41 करोड़ 18 लाख की आय हुई थी। इस वर्ष अभी तक 38 करोड़ 82 लाख की कमाई हुई है।बस स्टेशन से गंतव्य के लिए रवाना होंगी। उससे कम होने पर बस नहीं चलेगी। जुलाई और अगस्त में यात्रियों की संख्या कम होने के कारण घाटा होने पर परिवहन निगम ने नई व्यवस्था शुरू की है। नई व्यवस्था में गोरखपुर से दिल्ली और लखनऊ रूट पर विशेषकर रात के समय चलने वाली बसें कम हो गई हैं। गोरखपुर डिपो से प्रतिदिन पांच बसें दिल्ली के लिए चलती थीं, अब चार चल रही हैं। गोरखपुर डिपो से लखनऊ के लिए प्रतिदिन 20 बसें चलती थीं, अब 15 ही चल रही हैं। राप्तीनगर डिपो की राजधानी एक्सप्रेस बस को प्रयागराज रूट पर चलाया जा रहा है। यात्रियों की संख्या भले ही कम हो गई है, लेकिन दिल्ली और लखनऊ के जो नियमित यात्री हैं उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें बस स्टेशनों पर इंतजार करना पड़ रहा है। लोग प्राइवेट बस या ट्रेनों से अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं। सर्वाधिक परेशानी रात के समय यात्रा करने वालों को हो रही है। गोरखपुर परिक्षेत्र में पिछले वर्ष निगम को 41 करोड़ 18 लाख की आय हुई थी। इस वर्ष अभी तक 38 करोड़ 82 लाख की कमाई हुई है।