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- दहशत की वजह बना तेंदुआ...

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लंबे समय से दहशत का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया। करीब दो माह से ग्रामीणों की जान आफत में डालने वाले तेंदुए के पकड़ने की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने राहत की सांस ली। वहीं वन अधिकारियों ने स्वास्थ्य की जांच करने के बाद तेंदुए को अमानगढ़ के वन क्षेत्र में छोड़ दिया है।.3
ठाकुरद्वारा क्षेत्र में करीब दो माह से तेंदुए ने आतंक मचा रखा था। अक्सर ग्रामीणों को जंगल में तेंदुआ नजर आता था। इक्का-दुक्का बार तो सड़क पर भी नजर आया। इस दौरान तेंदुए ने जहां जानवरों को अपना निवाला बनाया तो वहीं ग्रामीणों पर हमला करने से भी नहीं चूका। करीब एक सप्ताह पहले ग्राम चाऊपुरा के जंगल में तेंदुए ने युवक पर हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
दहशत का आलम यह था कि ग्रामीण अकेले अपने खेतों की ओर जाने से भी गुरेज करने लगे। लगातार बढ़ रहे हमले के कारण तेंदुए को पकड़ने की मांग भी उठने लगी। आनन-फानन में वन अधिकारियों ने उसे पकड़ने के लिए अपना जाल बिछा दिया। पशुपति फैक्ट्री में लगे सीसीटीवी में तेंदुए की गतिविधियां कैद होने के बाद एक पिंजरा यहां पर लगाया, जबकि एक पिंजरा ग्राम चाऊपुरा में लगाय गया।
कई दिन तक पिंजरा लगाने के बाद भी तेंदुआ गिरफ्त में नहीं आया। लंबे समय तक छकाने के बाद आखिरकार पशुपति फैक्ट्री में लगे पिंजरें में वह कैद हो गया। बुधवार को तेंदुए के कैद होने की जानकारी जब वन अधिकारियों को मिली तो वह मौके पर आ गए। पिंजरे को कब्जे में लेने के बाद उन्होंने तेंदुए का मेडिकल कराया। डीएफओ सूरज के अनुसार पकड़ा गया तेंदुआ मादा है और इसकी उम्र करीब तीन साल है। टीम ने उसे सुरक्षित तरीके से अमानगढ़ के वन क्षेत्र में छोड़ दिया है। वहीं तेंदुए को पकड़ने की जानकारी जब क्षेत्रीय ग्रामीणों को मिली तो उन्होंने काफी राहत की सांस ली।
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