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आईआईए में प्लास्टिक वेस्ट पर आयोजित सेमिनार में फूटा दर्द
कानपूर न्यूज़: उद्यमी रिटर्न में ही चकरघिन्नी बनकर रह गए हैं. पहले ही डेढ़ दर्जन रिटर्न भरने में माथापच्ची करनी पड़ती है. आधा समय इसी में निकल जाता है. अब प्लास्टिक वेस्ट पर भी रिटर्न भरने का नया फरमान उद्यमियों की हालत खराब कर देगा. कारोबारियों का ये दर्द प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट की वर्कशॉप के दौरान फट पड़ा.
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा प्लास्टिक एवं पैकेजिंग उद्योगों से संबंधित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स और रेगुलेशंस की जानकारी के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया गया था. संचालन आईआईए के महामंत्री हर्षल अग्रवाल और अध्यक्ष दिनेश बरासिया ने किया. मुख्य वक्ता के रूप में दि शक्ति प्लास्टिक दिल्ली के साहिल घई ने विस्तारित उत्पादक ज़िम्मेदारी (ईपीआर) रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में जानकारी दी.
प्लास्टिक वेस्ट का ऑडिट होगा उन्होंने बताया कि प्लास्टिक वेस्ट का ऑडिट होगा और प्लास्टिक कारोबार से जुड़े प्रत्येक उद्यमी को रिटर्न दाखिल करना होगा. उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने रिटर्न भरने के तरीके के बारे में बताया.
वर्कशाप में ही फूटा दर्द संस्था के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य ने उद्यमियों की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा छोटे छोटे उद्यमियों को रिटर्न के भंवरजाल में फंसा दिया गया है छोटे उद्यमी अपना उद्योग चलायें या सालभर रिटर्न ही भरते रहें. उनका कहना था कि नगर निगमों एवं आम जनता की लापरवाही में प्लास्टिक सड़क पर तथा नालों में जा रहा है. इस पर कोई कार्यवाही करने के बजाय सरकार द्वारा उद्यमियों को रिटर्न के मकड़जाल में जकड़ा जा रहा है.
क्या है ईपीआर, कोरोना के बाद सख्ती से फोकस
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 में लाया गया था. कोरोना के बाद इस पर सख्ती से फोकस किया जा रहा है. यह प्लास्टिक कचरे का उत्पादन कम करने, प्लास्टिक कचरे को फैलने से रोकने के लिए है. पैकेजिंग के लिए कठोर प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री का पुन उपयोग अनिवार्य किया गया है. ईपीआर के तहत एकत्रित प्लास्टिक पैकेजिंग कचरे की रीसाइकिलिंग करना होगी. इसके लिए प्लास्टिक कचरे को खरीदना होगा. इतना ही नहीं उद्यमियों को वार्षिक रिटर्न दाखिल करने के साथ-साथ पंजीकरण के लिये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के केंद्रीयकृत ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया जाएगा. नए नियमों के तहत कारोबारियों को प्लास्टिक का वर्गीकरण करना होग