उत्तर प्रदेश

अलीपुर वॉल फैक्ट्री में लटका अनदेखी का ‘ताला’

Admin Delhi 1
30 April 2023 8:34 AM GMT
अलीपुर वॉल फैक्ट्री में लटका अनदेखी का ‘ताला’
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सरधना: अलीपुर गांव में सरकार द्वारा तैयार कराई गई हैंडपंप के वॉल बनाने की फैक्ट्री पिछले दो दशक से धूल फांक रही है। वॉल फैक्ट्री उस समय 30 लाख रुपये की लागत से स्थापित कराई गई थी। मगर फैक्ट्री में महज चार महीने भी कार्य नहीं हो सका। इसके बाद से फैक्ट्री बंद कर दी गई।

वर्तमान में फैक्ट्री भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। भवन में ग्रामीणों ने बिटोरे खड़े कर रखे हैं। देख-रेख के अभाव में फैक्ट्री में खंडहर में तब्दील हो गई है। यदि सरकार फैक्ट्री को दोबारा संचालित करती है तो ग्रामीणों को रोजगार मिलने के साथ ही सरकार को भी आय हो सकती है।

सरधना के अलीपुर गांव में कई दशक से हैंडपंप में लगने वाले चमड़े के वॉल बनाने का करोबार किया जाता रहा है। इस गांव में बनाए जाने वाले वॉल दूरदराज के शहरों में निर्यात किए जाते हैं। करीब 20 वर्ष पूर्व सरकार ने खादी ग्राम उद्योग बोर्ड योजना के तहत गांव में वॉल बनाने की फैक्ट्री का निर्माण कराया था। फैक्ट्री बनाने के पीछे सरकार का उद्देश्य था कि ग्रामीणों को नियमित रूप से रोजगार मुहैया कराया जा सके।

उस समय फैक्ट्री का भवन बनाने में करीब 15 लाख रुपये खर्च हुए थे। इसके अलावा फैक्ट्री में करीब 15 लाख रुपये कीमत की मशीन भी लगवाई थी। फैक्ट्री बनने से ग्रामीणों को रोजगार मिलता साथ ही सरकार के आय का साधन भी तैयार होता, लेकिन सरकार का यह सपना धरातल पर ज्यादा समय तक नहीं टिक सका। फैक्ट्री महज चार महीने संचालित हो सकी। इसके बाद फैक्ट्री को बंद कर दिया गया। गांव के ही राहुल, अमित, सतबीर आदि ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कारीगरों पर देसी तरीके से वॉल बनाने का हुनर आता है,

जबकि सरकार ने फैक्ट्री में आधुनिक मशीन लगवाई थी। कारीगरों को मशीन चलाने के लिए कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई। यही कारण रहा कि फैक्ट्री ज्यादा दिन नहीं चल सकी। सरकार की थोड़ी सी लापरवाही के कारण यह फैक्ट्री में चार महीने बाद ही ताला लटक गया। तभी से यह फैक्ट्री सफेद हाथी की तरह खड़ी है। देखरेख के अभाव में फैक्ट्री भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। वर्तमान में फैक्ट्री परिसर में ग्रामीणों ने बिटोरे खड़े कर रखे हैं। ऐसे में 30 लाख रुपये की यह फैक्ट्री खंडहर का रूप धारण कर चुकी है। यदि सरकार फैक्ट्री को संचालित कर दे तो ग्रामीणों को रोजगार मिल सकता है।

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