उत्तर प्रदेश

शहर में नो एंट्री में धड़ल्ले से दौड़ाए जा रहे ओवरलोड वाहन, ट्रैफिक पुलिस बनी अंजान

Admin Delhi 1
8 Feb 2023 10:47 AM GMT
शहर में नो एंट्री में धड़ल्ले से दौड़ाए जा रहे ओवरलोड वाहन, ट्रैफिक पुलिस बनी अंजान
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मेरठ: ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के तमाम प्रयासों के चलते शहर में नो एंट्री के बावजूद दिन निकलते ही ओवरलोड वाहन सड़कों पर दौडते हुए शहरवासियों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। ऐसे ओवरलोड वाहन लोगों की जानजोखिम में डाल कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बल्कि शहर में जाम की समस्या के लिए एक बड़ी मुसीबत बने हैं। ओवरलोड वाहन चालक ों को अब ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की कार्रवाई की कोई चिंता नहीं दिखाई देती।

वाहन चालक हाथ में 500 का नोट लेकर अब खुलेआम दिनभर में शहर में ओवरलोड वाहनों को दौड़ाने में लगे हैं। नो एंट्री में मात्र 500 रुपये के चालान का कोई खास फर्क इन वाहन चालकों पर नहीं पड़ रहा। बावजूद आये दिन सड़कों पर ओवरलोड वाहन दौड़ते देखे जा सकते हैं। ट्रैफिक पुलिस इन ओवरलोड वाहनों की ओर से आंख मूंदे किसी बड़े हादसे के इंतजार में है।

शहर की सड़कों पर ओवरलोड वाहनों के संचालन पर परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों की मेहरबानी दिखाई देती है। शहर की सड़कों पर यातायात नियम का पालन कराने में जब संबंधित विभाग के अधिकारी इतने सुस्त और लापरवाह हैं तो अन्य क्षेत्र के विभागों का क्या हाल होगा। ऐसे अधिकारियों की उदासीनता के कारण रैक प्वाइंट पर माल लदे वाहनों के साथ साथ शहरवासियों की जान परेशानी में आ जाती है।

रैक प्वाइंट पर रैक लगने के साथ शहर के बीचोंबीच गुजरने वाली सड़कों पर ओवरलोड ट्रैक्टर या अन्य भारी वाहनों का काफिला दिन निकलते ही शुरु हो जाता है। ऐसे ओवरलोड वाहनों को देखकर ही लोग सड़क दुर्घटना और जाम की समस्या को लेकर सशंकित हो जाते हैं। नियम के अनुसार एक ट्रैक्टर पर दो, ढाई टन निर्धारित क्षमता है, लेकिन यहां तीन से चार टन तक एक ट्रैक्टर पर ढुलाई कर ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन किया जाता है।

ओवरलोड के इस खेल पर न तो संबंधित विभाग के अधिकारी ध्यान देते हैं। न ही ट्रैफिक पुलिस। नो एन्ट्री में आने वाले वाहनों पर ट्रैफिक पुलिस भी अंजान बनी है। आये दिन शहर में नो एंट्री के बावजूद ऐसे भारी वाहन अंदर प्रवेश कर सड़कों पर जाम की समस्या उत्पन्न कर शहरवासियों के लिए जी का जंजाल बने हैं। ट्रैफिक पुलिस की इसे लापरवाही कहे या सेटिंग का खेल।

यही वजह है कि नो एंट्री में घुसने वाले ऐसे ओवरलोड वाहनों से भीषण जाम लगने की रोज समस्या उत्पन्न हो रही है। शहर में दिल्ली रोड हो या शहर के अंदरुनी सड़कें हो। हर ओर ओवरलोड वाहन नो एंट्री के बावजूद सुबह से लेकर रात तक शहर में भीषण जाम को न्योता देने में लगे हैं।

ओवरलोड वाहनों के संचालन के कारण समय से पहले सड़क जर्जर हो रही है और सड़कों पर बनी पुलियों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका भी बनी रहती है। ऐसी तमाम बातों को नजरअंदाज कर ओवरलोड वाहन संचालक मुनाफे के लिए नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

शहर में ट्रैफिक पुलिस की चेकिंग के नाम पर वसूली

पूर्व में एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने ट्रैफिक पुलिस द्वारा चेकिंग के नाम वसूली की शिकायतें मिलने के बाद सख्त लहजे में ट्रैफिक पुलिस को चेकिंग करने पर रोक लगाने के निर्देश जारी किये थे। जिसके चलते कई पूर्व में कई पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब फिर से शहर में ट्रैफिक पुलिस हर चौराहों पर चेकिंग करने नाम पर अवैध वसूली में जुट गई है।

सुबह से लेकर शाम सात बजे तक ट्रैफिक का चेकिं ग के नाम पर उगाही का यह सिलसिला कई दिनों से फिर शुरु हो चला है। शहर के बाहरी सड़कों या अंदरूनी सड़कों पर हर ओर ट्रैफिक पुलिस कागजात या नियमों का उल्लघंन के नाम पर वाहन चालकों से चेकिंग करते देखे जा सकती है।

ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई का जिम्मा परिवहन विभाग का है। अगर शहर में नो एंट्री में कोई भारी वाहन या ओवरलोड वाहन आता है। उस पर 500 रुपये का चालान किया जाता है।

रात 10 बजे तक कोई भी भारी वाहन या ओवरलोड वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। -जितेन्द्र श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक

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