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गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों की खरीद-फरोखों में आउटसोर्सिंग कर्मचारी शामिल हैं. पुलिस ने एक आउटसोर्सिंग कर्मी को गिरफ्तार भी किया.
अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा देने वाले चारों फॉर्म को नोटिस देने जा रहा है. कर्मचारियों की गलती होने पर इसकी जिम्मेदारी फर्म की भी होगी. सेवा प्रदाता फर्म को भी इसकी जवाबदेही देनी होगी.
दरअसल बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चार फर्म के जरिए आउटसोर्सिंग कर्मी तैनात हैं. मेडिकल कॉलेज में करीब 1400 आउटसोर्सिंग कर्मचारी हैं. यह कर्मचारी बीआईएस, जीत इंटरप्राइजेज, भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम व प्रिंसिपल सिक्योरिटी के जरिए तैनात हैं. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों पर ही मरीज को बर्गलाने का आरोप लग रहा है. वह एंबुलेंस चालकों के नेटवर्क से भी जुड़े हैं. यह कर्मचारी ही वार्ड में मरीजों की मदद में लगे रहते हैं. ईशु अस्पताल के मामले में गिरफ्तार हुए ट्रालीमैन दिनेश बीआईएस का कर्मचारी था.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सुनील आर्या ने बताया कि अब तक दोषी पाए जाने पर सिर्फ कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होती थी. इससे सेवा प्रदाता फर्म जवाबदेही से बच जाते थे. अब ऐसा नहीं होगा. कर्मचारियों के दोषी मिलने पर फर्म की भी जवाबदेही होगी. फर्म को भी नोटिस देकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
ज्वेलरी कारोबारी के 51 लाख के गहने चोरी
दिल्ली के महाजनी चांदी चौक से हीरे और सोने की ज्वेलरी खरीदकर गोरखपुर लौट रहे कारोबारी के बैग को खोलकर चोरों ने 51 लाख रुपये के गहने चुरा लिए. कारोबारी की सूचना पर बाराबंकी जिले के रामसनेही घाट थाना पुलिस केस दर्ज करके जांच कर रही है.
राजघाट थाना क्षेत्र के बसंतपुर खास निवासी आशीष वर्मा ज्वेलरी कारोबारी हैं. 17 को दिल्ली के करोलबाग, कूचा महाजनी चांदी चौक से सोने और हीरे की करीब 51 लाख रुपये की ज्वेलरी खरीदकर वह कश्मीरी गेट बस स्टैंड से बस पकड़कर गोरखपुर के लिए रवाना हुए. उन्होंने बैग में तीन बॉक्स में सारा सामान रख दिया. कारोबारी का कहना है कि बस बाराबंकी से तीन किमी आगे एक ढाबे पर रुकी. बस रुकने के 10 मिनट के बाद वह टॉयलेट करने गए. लौटकर आए तो उनके सीट की खिड़की खुली हुई थी. सीट पर रखे बैग की चेन खोलकर चोर उसमें रखा करीब 9 ग्राम सोने और चार लाख रुपये कीमत की हीरे की ज्वेलरी चुरा ले गए थे.