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अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य पर संगोष्ठी व शिविर का आयोजन
नोएडा। मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत मंगलवार को नोएडा सेक्टर 30 स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय में मानसिक स्वास्थ्य शिविर, संगोष्ठी एवं हस्ताक्षर अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने मानसिक रोगों के लक्षण उपचार और बचाव के बारे में बताया। साथ ही कहा- मानसिक रोगों के लक्षण पहचान कर तुरंत उपचार कराना जरूरी है। स्वास्थ्य शिविर में करीब दो सौ लोगों ने भाग लिया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. पवन कुमार अरुण, मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. राघवेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को जिला संयुक्त चिकित्सालय में मानसिक स्वास्थ्य शिविर सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस अवसर पर आयोजित शिविर में आये जनमानस को मानसिक रोगों के लक्षण जैसे- मन का उदास होना, नींद न आना, बेहोशी के दौरे आना, बेवजह शक करना, चिंता, घबराहट, उलझन, नशे की लत व अन्य लक्षणों के बारे में जानकारी दी गयी। इस संबंध में लोगों को जागरूकता परक पैम्प्लेट्स वितरित कर जागरूक किया गया। शिविर में मानसिक रोगों से ग्रसित मरीजों का उपचार भी किया गया। इसके अलावा लोगों के बीपी शुगर की जांच भी की गयी।
इस अवसर पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. पवन कुमार अरुण, डा. राघवेन्द्र प्रताप सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। संगोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील शर्मा ने मनोरोग के बारे में बताया। उन्होंने मनोरोग के इलाज के प्रचार प्रसार के लिए न्यूज पेपर, रेडियो व अन्य माध्यम अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया- इस बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम "मेक मेंटल हेल्थ एंड वेलबिएंग फॉर ऑल आर ग्लोबल प्रायोरिटी" अर्थात "सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य और भलाई को वैश्विक प्राथमिकता बनाएं" निर्धारित की गई है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. पनव कुमार अरुण ने मनोरोग के लक्षण बताये और अपनी दिनचर्या पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने -आज की तनाव पूर्ण जिंदगी में खुद को तनाव रहित रहने की सलाह दी। नोडल अधिकारी डा. राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा-कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार के मानसिक रोग जैसे अवसाद चिंता स्क्रीनोफिजिया, बाईपोलर डिस्ऑर्डर एवं मिर्गी के दौरे से ग्रसित है तो उसे तांत्रिक एवं अन्य बातों में न आकर चिकित्सकीय उपचार कराना चाहिए।
मनोचिकित्सक डा. तनूजा गुप्ता ने कहा - मानसिक स्वास्थ्य समस्या के कई कारण हैं जिनसे यह रोग बढ़ता है। प्रारंभिक लक्षणों पर गौर करें तो किन्हीं कारणों से नींद न आना या देर से आना, भूख में कमी, तनाव, उलझन, घबराहट आदि का रहना, निराश रहना, बार-बार आत्महत्या का विचार आना, उदासी, लोगों से दूर रहना, चिड़चिड़ापन आदि कई प्रकार की समस्या होती हैं। किसी को मानसिक बीमारी है तो उसे अपने तनाव, अवसाद, गहन चिंता आदि को नियंत्रित करना चाहिए, नियमित स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान देना चाहिए, पर्याप्त नींद लेनी चाहिए, पौष्टिक आहार का सेवन व नियमित व्यायाम करना चाहिए। शिविर में लगभग 200 लोगों ने भाग किया। जागरूकता कार्यक्रम के क्रम में हस्ताक्षण अभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनजीत कुमार, जिला वित्त एवं रसद सलाहकार आशुदीप, मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम से रजनी सूरी, नीति, सोनी आदि मौजूद रहीं।