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गाजियाबाद: उपभोक्ता बनाम कंपनी में अलग- अलग दो वाद में जिला उपभोक्ता न्यायालय ने पीड़ितों को राहत देते हुए 50 हजार का हर्जाना देने का फैसला सुनाया है. पीड़ितों को हर्जाने की अदायगी के लिए कंपनियों को 60 दिनों का समय दिया गया है.
गाजियाबाद के वैशाली निवासी गौरव जैन ने वर्ष 2017 में एक नामी कंपनी का लैपटॉप 35 हजार रुपये में खरीदा था. खरीदने के कुछ दिन बाद लैपटाप अचानक खराब हो गया. पीड़ित ने रिपेयर के लिए लैपटॉप को निकट के सर्विस सेंटर पर दिया.
सर्विस सेंटर के कर्मियों ने लैपटॉप को रिपेयर के नाम पर एक वर्ष से अधिक समय के लिए अपने पास रखा और एक वर्ष बाद भी पीड़ित की गलती बताते हुए लैपटॉप को बिना रिपेयर किए लौटा दिया. इस बात पर पीड़ित ने कंपनी के खिलाफ वाद दायर कर दिया. चार वर्ष की सुनवाई के बाद पीड़ित के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उपभोक्ता न्यायालय के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार जैन कंपनी को 35 हजार रुपये का हर्जाना देने के आदेश दिए है.
इसके अलावा कैटरिंग के विवाद में भी न्यायालय ने कंपनी को पीड़ित अतुल कुमार ने 15 हजार रूपये का हर्जाना देने निर्णय दिया. दोनों वाद में पीड़ितों ने संतोष प्रकट किया है.
कारोबारी के परिजनों ने प्रदर्शन किया
साहिबाबाद के अर्थला में दीक्षित पाल हत्याकांड मामले में परिजनों ने मोहन नगर में आयोजित भाजपा के वोटर चेतना महाभियान कार्यशाला के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान परिजनों ने बाकी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. कार्याशाला में शामिल होने पहुंचे राज्यमंत्री असीम अरुण ने परिजनों को मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया.
मोहन नगर के पास जीटी रोड स्थित एक निजी कॉलेज में भाजपा का वोटर चेतना महाभियान की जिला कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसमें शामिल होने के लिए समाज कल्याण राज्य मंत्री एवं प्रभारी मंत्री गाजियाबाद असीम अरुण पहुंचे हुए थे. इसका पता चलते ही कारोबारी दीक्षित पाल के परिजनों गांव के लोगों के साथ कार्याशाला के बाहर पहुंच गए. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे.