उत्तर प्रदेश

अलीगढ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशों के विरुद्ध हो गया संचालन

Admindelhi1
11 March 2024 4:25 AM GMT
अलीगढ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशों के विरुद्ध हो गया संचालन
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अब शुरू की जाएगी जांच

अलीगढ़: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) व प्रशासन के निर्देश के बावजूद जिले में नियम विरुद्ध संचालित में भट्टों में भ्रष्टाचार की ईंट पकाई जा रही है. हैरत की बात है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रशासन को जो सूची जिगजैग तकनीक वाले भट्टों के संचालित होने की भेजी है. उसमें दो तहसील क्षेत्रों में एसडीएम द्वारा की गई जांच जिगजैग तकनीक दूर-दूर तक नहीं मिलने व साधारण तरीके से भट्टे चलते मिले. अब भट्टे के संचालन में बंदी आदेश की सूची में शामिल भट्टों की भी रॉयल्टी जमा होने के मामले में अधिकारी घिरते दिख रहे हैं. डीएम ने पूरे मामले की जांच बैठा दी है.

अलीगढ़ में ईंट भट्टे सिर्फ चार माह के लिए चलते हैं. एनजीटी ने अलीगढ़ में दिल्ली-एनसीआर के नियम को लागू किया है. जिले में 126 ईंट भह्वों का बंदी आदेश जारी किया जा चुका है. 147 ईंट भह्वे डिफाल्टर की श्रेणी में हैं. 324 ईंट भह्वों को संचालन के लिए एनओसी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जारी की गई है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिन भट्टों के जिगजैग तकनीक से संचालित होने की सूची प्रशासन को भेजी गई. उसमें खैर, इगलास, अतरौली तहसील क्षेत्र में सात भट्टे संबंधित एसडीएम ऐसे पाए जो कि साधारण तकनीक से संचालित हो रहे थे जो कि नहीं किए जा सकते हैं.

यह भट्टे साधारण तरीके से चलाए जा रहे

खैर-गंगादास ईंट उद्योग, ग्राम उटवारा, ऐंचना, टप्पल, बालाजी ईंट उद्योग, उटवारा, बाबा ईंट उद्योग, घाघौली, बाबा ईंट उद्योग, उटावार

इगलास- कंचन ब्रिक फील्ड, माधी नगला, मां कलावती देवी ईंट उद्योग, माधो नगला

अतरौली-अंबर ईंट उद्योग, वाहिदपुर माफी

एडीएम वित्त ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांगी रिपोर्ट जो सात भट्टे संबंधित एसडीएम के क्षेत्र में साधारण तकनीक से चलते पाए गए. उसको लेकर एडीएम वित्त मीनू राणा ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट मांगी है.

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