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सरकारी अस्पतालों में कंप्यूरीकरण के नाम पर केवल पंजीकरण
गाजियाबाद: सरकारी अस्पतालों में कंप्यूटरीकरण के नाम पर केवल ऑनलाइन पंजीकरण किए जा रहे हैं. ओपीडी में डॉक्टरों के दवा लिखने से लेकर दवा वितरण का काम पर्चे से मैन्युअल किया जा रहा है. फिलहाल पेशेंट रेफरल ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम (पीआरटीएमएस) का सॉफ्टवेयर समाप्त होने की वजह से काम लटका है.
शासन स्तर से सरकारी अस्पतालों को पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड किया जाना है. इसके लिए अस्पतालों को कंप्यूटर भेजे जा चुके हैं, लेकिन अस्पतालों में फिलहाल पंजीकरण का काम ही कंप्यूटराइज्ड हो रहा है. इमरजेंसी में कंप्यूटर तो लगे हैं, लेकिन इन्हें चलाने के लिए ऑपरेटर नहीं हैं. खानापूर्ति के लिए वॉर्ड बॉय और अटेंटेड द्वारा इमरजेंसी के कंप्यूटर से दो-चार लोगों का विवरण ऑनलाइन डाल दिया जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलवाने के लिए पीआरटीएमएस सॉफ्टवेयर के जरिए जिले के सभी मरीजों की लगातार निगरानी की तैयारी थी. इसके लिए अस्पतालों में कंप्यूटर सिस्टम पहुंचे हुए हैं,लेकिन इस सिस्टम को लागू नहीं किया जा सका है.
अभी पीआरटीएमएस का सॉफ्टवेयर एक्सपायर हो गया है. इसके लिए शासन से सॉफ्टवेयर को रिन्युवल के बजट की मांग की है. बजट आने के बाद सॉफ्टवेयर अपडेट करने के साथ स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा. - डॉ आरके गुप्ता, नोडल अधिकारी, पीआरटीएमएस