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उत्तर प्रदेश
जीआईसी में एक कमरे की प्रयोगशाला, उसमें भी लटका ताला.विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में
Admin4
20 Dec 2022 3:15 PM GMT
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मुरादाबाद। यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं नजदीक हैं, लेकिन बच्चे किताबी ज्ञान तक सीमित हैं। राजकीय इंटर कालेज में प्रेक्टीकल कराना तो दूर यहां एक कमरे की प्रयोगशाला का ताला तक नहीं खुला। ये हाल तो मॉडल समझे जाने वाले राजकीय इंटर कालेज का है। अन्य कालेजों का क्या हाल होगा उसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार की भेंट चढ़ रहा है। शिक्षा विभाग की लापरवाही का नतीजा है कि राजकीय विद्यालयों में प्रायोगिक पढ़ाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। यह हाल तब है जब यहां 50 कदम पर संयुक्त शिक्षा निदेशक का कार्यालय भी है। शहर के राजकीय इंटर कॉलेज का हाल ये है कि यहां एक कमरे को प्रयोगशाला का नाम तो दिया गया, लेकिन उसपर सालभर से ताला लटका हुआ है। बिना प्रेक्टीकल के ही यहां विज्ञान की पढ़ाई कराई जा रही है। यह स्कूल तो बानगी भर है।
अमृत विचार की टीम ने विद्यालय में प्रयोगशाला का जायजा लिया तो हकीकत सामने आई। टीम ने विज्ञान प्रयोगशाला को खुलवाकर देखा तो प्रायोगिक उपकरण और सामग्री पर धूल जमी थी। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षा की तैयारी तेजी से चल रही है। फरवरी में प्रयोगात्मक परीक्षाएं प्रस्तावित है। हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में 80 अंक लिखित और 20 अंक का प्रेक्टिकल पर दिया जाना है। इसी तरह इंटरमीडिएट के विज्ञान वर्ग में 30 अंक का प्रैक्टिकल अनिवार्य होता है। ऐसे में दसवीं और बारहवीं के विज्ञान विषय के छात्रों के लिए पढ़ाई के साथ प्रायोगिक कार्यों का अधिक महत्व है। इसके द्वारा रसायन, भौतिक, जीव विज्ञान विषय के प्रश्नों को प्रयोगशाला में प्रेक्टिकल के माध्यम से आसानी से समझाया जाता है।
परीक्षा नजदीक आ रही है। ऐसे में विज्ञान की तैयारी को लेकर काफी चिंता है। प्रैक्टिकल से काफी सहायता मिलती है। लेकिन, यहां प्रयोगशाला नहीं है। -रोहित सिंह, कक्षा १२ फरवरी में प्रयोगात्मक परीक्षा है। रसायन विज्ञान में न्यूमेरिकल होते है। विज्ञान में इसका ज्यादा महत्व रखते है, लेकिन यहां तो सालभर में लैब भी नहीं देखी। -आकाश, कक्षा १२ लैब में प्रेक्टीकल तो दूर यहां तो अन्य विषय की भी तैयारी अधूरी है। जबकि फरवरी में बोर्ड के प्रैक्टिकल और मार्च में परीक्षाएं प्रस्तावित है। विद्यार्थी खुद ही तैयारी में लगे हुए हैं।
प्रधानाचार्य (जीआईसी) श्यामा कुमार ने कहा कि कालेज में 12वीं के लिए कोई प्रयोगशाला नहीं है। कक्षा 10 के लिए है, लेकिन अभी संचालित नहीं है। बताया कि नई बिल्डिंग बन रही है। उसमें प्रयोगशालाएं तैयार हो रही हैं। अभी तो किताबों से ही ब्लैकबोर्ड पर ही विद्यार्थियों को समझाया जा रहा है।
Admin4
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