उत्तर प्रदेश

दो पक्षों में नाली के विवाद को लेकर हुई गोलीबारी में एक की मौत और तीन हुए घायल

Admin Delhi 1
20 March 2022 10:39 AM GMT
दो पक्षों में नाली के विवाद को लेकर हुई गोलीबारी में एक की मौत और तीन हुए घायल
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सिटी क्राइम न्यूज़ अपडेट: कम्पिल थाना क्षेत्र में शनिवार की देर रात दो पक्षों में हुई गोली बारी में एक की मौत हो गई। वहीं, दूसरे पक्ष के तीन लोग घायल हो गए। घायलों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। थाना क्षेत्र के गांव हजियापुर मजरा हकीकतपुर में 19 मार्च की शाम को नाली तथा चक मार्ग को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। दोनों पक्षों में जमकर मारपीट व गोलीबारी की गई, जिसमें एक व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं, दूसरे पक्ष के होली उठावन रश्म अदा करने आए दो रिश्तेदारों सहित तीन व्यक्ति गोली लगने से घायल हो गए। घायलों में एक की हालत गंभीर बनी हुई है।

घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, 43 वर्षीय रामशरण उर्फ पप्पू पुत्र रामचरण तथा इन्हीं के परिवारी इंस्पेक्टर सिंह पुत्र सूबेदार पक्ष में पिछले 3 वर्षों से विवाद चला आ रहा था। बताया जा रहा है कि गांव के पास में ही स्थित खेत से होकर हमलावर पक्ष चक मार्ग के लिए मिट्टी डलवाने का प्रयास कर रहा था। किंतु रामशरण उस जगह से सिंचाई हेतु नाली की जगह बता कर चक मार्ग के लिए मिट्टी नहीं डालने दे रहा था। उसका तर्क था कि इस जगह पर चक रोड नहीं बल्कि नाली दर्ज है। अभी लगभग 3 दिन पहले ही शराब के नशे में दोनों पक्षों में गाली गलौज हुआ था। इस पर मौके पर पहुंची डायल 112 इन लोगों को थाने भी बुला कर ले गई थी। जहां से छोड़ दिए गए थे। घटना क्रम ने उस समय नया मोड़ ले लिया, जब हमलावर पक्ष ने गत शाम होने से पहले ही पूरे गांव में एलान करते हुए कहा कि गांव का कोई भी आदमी घर से बाहर ना निकले। अपने दरवाजे बंद रखें, नहीं तो जो कुछ भी होगा उसके लिए दरवाजे खुले रखने वाला ही जिम्मेदार होगा। इसके तुरंत बाद ग्रामीण बताते हैं कि हमलावर पक्ष के इंस्पेक्टर सिंह, मंगू, ओंकार सिंह, खेतपाल सिंह पुत्र गण सूबेदार सिंह तथा इन्हीं के परिवारी अतुल, नरवेश उर्फ नब्बी पुत्र राजेंद्र तथा महेंद्र ने अपनी घोषणा के अनुसार रामशरण को उसी खेत पर जाकर पकड़ लिया। पकड़े जाने के समय मृतक ने अपने को छुड़ाने के लिए काफी जद्दोजहद भी किया। जिससे वहां घटनास्थल पर काफी जगह की गेहूं की फसल रौंदी पड़ी दिखाई दे रही है।

हमलावर पक्ष ने लाठी-डंडों से पीटकर रामशरण को कब्जे में कर लिया और इसके बाद गोलियां दागकर उसकी निर्मम हत्या कर दी। अपने पिता की हत्या किए जाने की सूचना मिलते ही उसका बेटा रजनेश वहां पहुंचा था। ग्रामीणों के अनुसार, इसे भी घेर कर मार डालने का प्रयास करने को हमलावर आगे बढ़े ही थे कि वैसे ही वह मौके से किसी तरह अपनी जान बचाकर किसी दूसरी जगह पहुंच कर छुप गया। ग्राम हजियापुर में हुए इस घटनाक्रम में हमलावर पक्ष के भी तीन लोग घायल हुए हैं, जिनमें इसी गांव के इंस्पेक्टर सिंह का बेटा अतुल तथा थाना मऊ दरवाजा के गांव हरसिंहपुर गोवा निवासी दीपक सिंह उर्फ डब्बू पुत्र अरविंद सिंह एवं यही का टेंपो चालक बृजलाल पुत्र राजेश्वर यादव हैं। घायलों में बृजलाल के सीने में लगी गोली के कारण हालत चिंताजनक बताई जा रही है। सभी घायलों को सीएचसी कायमगंज ले जाया गया था।जहां से प्रथम उपचार के बाद बृजलाल को डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल फर्रुखाबाद के लिए रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि यहां से भी उसे आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई के लिए भेज दिया गया है। जहां सघन चिकित्सा कक्ष में भर्ती करने के बाद गोली निकालने के लिए उसका ऑपरेशन किया जा रहा है। वही अतुल तथा दीपक सिंह के हाथ पैर में गोली लगने से उनकी हालत खतरे से पूरी तरह बाहर बताई जा रही है।

इस गोलीकांड में हुई एक मौत तथा तीन गोली लगने से घायल होने की सूचना मिलते ही थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। जहां उसने मृतक के बेटे रजनेश को सुरक्षा की दृष्टि से अपनी अभिरक्षा में लेकर थाने भिजवा दिया। इस सनसनीखेज मामले की गहमागहमी के बीच पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी सोहराब खान घटनास्थल पर पहुंच गए। जहां उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर पूछताछ करते हुए मामले की जानकारी प्राप्त की। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि मृतक को हमलावरों ने लाठी-डंडों से पीटकर तथा गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर निष्पक्ष जांच तथा कार्यवाही की जाएगी। इस घटना में हमलावर पक्ष के तीन लोग कैसे घायल हुए यह प्रश्न एक पहेली बना हुआ है। क्योंकि रामशरण को तो पहले से ही कब्जे में लेकर मौत के घाट उतार दिया गया था। उसका बेटा वहां पहुंचने से पहले ही घबराकर कहीं जाकर छुप गया था। तो फिर हमलावर पक्ष के तीन लोग घायल कैसे हो गए। इस संबंध में कुछ ग्रामीणों ने काफी विश्वास दिलाने के बाद नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमलावरों में से अधिकांश अवैध हथियारों से लैस शराब के नशे में थे। जो अंधाधुंध गोलियाें चला रहे थे। ऐसी स्थिति में इनके ही द्वारा दागी गई गोलियां इन्हीं के तीन साथियों के लगी। जिससे यह तीनों लोग घायल हुए हैं। वही कुछ ग्रामीण अंदाजा लगाते हुए यह भी कह रहे थे कि जिस समय इंस्पेक्टर सिंह पक्ष के लोग इस घटना को अंजाम दे रहे थे, हो सकता है उसी समय किसी तीसरे ने अपनी खुन्नस निकालने के लिए छुपकर गोलियां चलाकर इन्हें घायल कर दिया हो। पूरे गांव में भय का माहौल दिखाई दे रहा है। फिलहाल पुलिस गांव में ही मौजूद है तथा सक्रिय रहकर लोगों को सुरक्षा का पूरा भरोसा भी दे रही है। जिन लोगों ने आज इस हत्याकांड को अंजाम दिया है इनका पहले से ही अपराधिक घटनाओं से पुराना वास्ता होना बताया जा रहा है।

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