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उत्तर प्रदेश
99 साल पूरे होने पर अलीगढ़ के राजा महेंद्र के वंशजों ने फिर एएमयू को दान की जमीन, इस बार लीज नहीं…
Renuka Sahu
3 March 2022 4:12 AM GMT
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फाइल फोटो
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के वंशजों ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 99 साल पूरे होने पर फिर से 19 हजार गज जमीन दान की है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) में राजा महेंद्र प्रताप सिंह (Raja Mahendra Pratap Singh) के वंशजों ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 99 साल पूरे होने पर फिर से 19 हजार गज जमीन दान की है. इस बार राजा महेन्द्र के वंशजों ने लीज नहीं बल्कि विश्वविद्यालय के नाम पर बैनामा कराया है. जानकारी के मुताबिक बुधवार को विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्टांप ड्यूटी के 4.10 करोड़ रुपये जमा कराए और इसके बाद जमीन एएमयू को मिल गई है. इस मौके पर एएमयू की ओर से रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद और राजा महेंद्र प्रताप सिंह के पोते मौजूद थे. असल में पिछले दिनों एएमयू की लीज की जमीन को लेकर विवाद हुआ था और राजा महेन्द्र के परिजनों ने लीज पूरी होने पर अपनी जमीन मांगी थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अलीगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा एएमयू को दान की गई जमीन पिछले कुछ सालों से राज्य में राजनीतिक मुद्दा बन गई थी. क्योंकि बीजेपी का कहना है था कि राजा ने जमीन विश्वविद्यालय को दान कर दी और ये लीज पर दी गई थी. लेकिन विश्वविद्यालय में आज तक राजा महेन्द्र प्रताप सिंह को सम्मान भी नहीं दिया. बीजेपी का कहना कहना था कि विश्वविद्यालय में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से कोई बोर्ड है. वहीं इसके बाद राजा के परिजनों ने लीज पूरी होने के बाद यूनिवर्सिटी से लीज की जमीन वापस मांगी थी. वहीं बुधवार को राजा के परिवार के फैसले ने लोगों को चौंका दिया है. गौरतलब है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने वर्ष 1925 में एएमयू के जूनियर विंग स्कूल के लिए जमीन 99 साल के लिए दो रुपये में लीज पर दी थी और इसके लिए एएमयू का पट्टा 2020 में समाप्त हो गया था.
एएमयू का नाम राजा महेन्द्र के नाम करने की मांग थी उठाई
वहीं एएमयू की लीज खत्म होने के बाद राजा के वंशजों ने एएमयू सिटी स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम करने की मांग उठाई थी और इसको लेकर जिले में सियासत शुरू हो गई थी. वहीं एएमयू की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था. लेकिन अब राजा महेंद्र प्रताप सिंह के वंशजों ने फिर से एएमयू को 19 हजार वर्ग मीटर दान की है और इस बार जमीन लीज पर नहीं दी गई है. बल्कि ये जमीन यूनिवर्सिटी के नाम की गई है और इसका बैनामा कराया गया है. वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने डिबेंचर के बदले 4.10 करोड़ रुपये स्टांप ड्यूटी और 58 लाख रुपये रजिस्ट्री शुल्क जमा कराया है.
2020 में खत्म हुई थी लीज
दरअसल 2020 में एएमयू की जमीन की लीज के 99 साल पूरे होने खत्म हो गई थी और राजा महेंद्र प्रताप के वंशजों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अधिकारियों को पत्र लिखकर जमीन वापस करने को कहा था. वहीं यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में ये मामला उठा था. जिस पर कोई फैसला नहीं हो सका.
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