- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- लिखित आश्वासन देने पर...
लिखित आश्वासन देने पर माने परिजन, शवों का किया अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद जब दोनों शव गांव पहुंचे तो परिवार में चीख पुकार मच गई। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुटी थी। पुलिस के आला अफसर भी कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर डटे थे। एंबुलेंस से शव जब नीचे उतारे गए तो परिवार वालों ने शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया।
उनका कहना था कि पुलिस को पता है कि दोनों बच्चियां आरोपियों की दोस्त थीं और वह आरोपियों के बुलाने पर गईं थीं, लेकिन परिवार वालों और गांव वाले इस बात को आज तक जान नहीं पाए। पुलिस की जांच अभी अधूरी है। पुलिस पूरी जांच करे। परिवार के सदस्य को नौकरी और मुआवजा दिलाए। करीब दो घंटे तक चली बातचीत के बाद प्रशासन ने मांगों को लेकर लिखित आश्वासन दिया। तब जाकर परिजन अंतिम संस्कार पर राजी हुए।
शाम करीब तीन बजे पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंच गए थे। परिवार वालों ने शवों को एंबुलेंस से उतारकर जमीन पर रख दिया। शव पहुंचने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए और एक बार फिर माहौल गर्मा गया। सबकी आंखें नम हो गई और मृतका की मां एक बार फिर से बिलखने लगी। रोते रोते मृतका की मां बदहवास हो गई।
मौके पर मौजूद लोगों ने परिजनों को ढांढस बंधाया।वहीं गांव में दोनो बहनों के शव के साथ भारी पुलिस बल मौजूद रहा। परिजनों ने दोनो सगी बहनों का दाह संस्कार करने से मना कर दिया। अपर पुलिस अधीक्षक अरुण सिंह के साथ सरकारी महकमे के कई अफसर मौके पर मौजूद रहे और परिवार वालो को समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन परिवार के लोग अपनी मांगों पर अड़ गए।
उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच अभी अधूरी है। पुलिस पूरी जांच करे। परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए और 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। आरोपियों को फांसी दी जाए। प्रशासन ने परिजनों को मांगे पूरी कराने का लिखित आश्वासन दिया। तब जाकर परिवार के लोग शांत हुए और अंतिम संस्कार करने पर राजी हुए। जेसीबी से गड्ढा खुदवाकर दोनों शवों को जमींदोज कर दिया गया।
न्यूज़ क्रेडिट: अमृतविचार