उत्तर प्रदेश

पुराने जेके कैंसर अस्पताल का किया जाएगा कायाकल्प

Admindelhi1
19 Feb 2024 6:17 AM GMT
पुराने जेके कैंसर अस्पताल का किया जाएगा कायाकल्प
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कायाकल्प

लखनऊ: सूबे के सबसे पुराने कैंसर हॉस्पिटल जेके कैंसर संस्थान का कायाकल्प होगा. गुरुग्राम की हेल्थ सर्विस कंपनी अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने के लिए आगे आई है. सालों से बंद महत्वपूर्ण जांच के लिए करोड़ों की मशीनें भी लगाने के लिए हामी भरी है. अस्पताल प्रशासन ने प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत कंपनी की मदद लेकर अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने की शासन से मंजूरी मांगी है.

1963 में स्थापित जेके संस्थान प्रदेश में कैंसर मरीजों के लिए पहला सरकारी अस्पताल है. यहां रोजाना तीन सौ मरीजों की ओपीडी रहती है. 6 बेड वाले इस अस्पताल में सात साल से लीनियर एक्सीलरेटर मशीन खराब पड़ी है. इस वजह से मरीजों को रेडिएशन देने में भी काफी दिक्कत होती है. वहीं सीटी स्कैन, एमआरआई, पेट स्कैन मशीन की कमी है. पेट स्कैन मशीन से कैंसर शरीर के जिस हिस्से में होता है, वहां छोटे-छोटे एरिया की भी जांच हो जाती है.

मध्य प्रदेश तक से आते हैं इलाज कराने जेके कैंसर संस्थान में कानपुर के अलावा यूपी के शहरों के साथ मध्य प्रदेश तक के मरीज इलाज कराने आते हैं. यहां कैंसर संबंधी कई जांचें नहीं होने से मरीजों को काफी दिक्कत होती है. मजबूरी में सभी को हैलट भेज दिया जाता है.

आयुष्मान योजना के तहत इलाज शासन को भेजे गए प्रस्ताव में अस्पताल व कंपनी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जांच सुविधाएं बढ़ाकर आयुष्मान योजना के तहत इलाज किया जाएगा. आयुष्मान कार्डधारकों का इलाज फ्री होगा, जबकि अन्य से शुल्क भी योजना के तहत ही लिया जाएगा.

अस्पताल देगा जगह, बाकी कंपनी की जिम्मेदारी पीपीपी के तहत भेजे गए प्रस्ताव में यह भी बताया गया है कि अस्पताल केवल कंपनी को परिसर में मशीनें लगाने की जगह देगा. इसके बाद मशीनों के संचालन से लेकर देखरेख की जिम्मेदारी कंपनी के कर्मचारियों की है.

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