उत्तर प्रदेश

325 ट्रेनों की पुरानी बोगियां जल्द राजधानी जैसी होंगी

Shantanu Roy
4 Feb 2023 11:21 AM GMT
325 ट्रेनों की पुरानी बोगियां जल्द राजधानी जैसी होंगी
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लखनऊ। आने वाले तीन साल के अंदर तकरीबन ऐसी 325 ट्रेनों की पुरानी बोगियों को बदलकर उसके स्थान पर राजधानी जैसे कोच लगा दिये जायेंगे। अभी तक 250 गाड़ियों के पुराने कोच हटा दिये गये हैं। रेलवे की टिकटिंग प्रति मिनट क्षमता 25 हजार से 10 गुणा बढ़ाकर दो लाख 25 हजार की जा रही है। वहीं इंक्वायरी लेवल जो अभी 40 हजार प्रति मिनट तक है, उसे भी ऐसे ही बढ़ाते हुए 40 लाख तक ले जाया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रेल बजट के मद्देनजर अमृत भारत स्टेशन के तहत देश के कुल 1275 स्टेशनों को चिन्हित किया है जिसको डेवलप किया जाना है। 2009-14 में जहां यूपी को केवल 1109 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे, उसे इस बार बजट में 16 गुणा बढ़ाते हुए रिकॉर्ड 17 हजार 507 करोड़ रुपये तक लाया गया। ये बातें शुक्रवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली मंत्रालय से वचुर्अल तौर पर रूबरू होते हुए देश-प्रदेश के मीडिया कर्मियों को बताएं । रेल मंत्री ने बताया कि यूपी के 149 स्टेशन डेवलप होंगे जिसमें लखनऊ, प्रयागराज, गाजियाबाद, गोरखपुर, मेरठ, वाराणसी सहित अन्य प्रमुख स्टेशन शामिल हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि 30 से 60 किमी के बीच स्थित दो प्रमुख शहरों को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिये जल्द ही वंदे मेट्रो सेवा शुरू की जायेगी। जैसे लखनऊ से सीतापुर और लखनऊ से कानपुर आदि। आगे कहा कि दिसंबर 2022 तक 5जी अवतार (कवच) से अपना भारतीय रेलवे जुड़ जायेगा जिससे इसकी कनेक्टिविटी व नेटवर्क क्षमता काफी विकसित हो जायेगी। आगे बताया कि पहले जहां चार किमी प्रतिदिन नई पटरियां बिछाने का काम होता था, वो अब बढ़ते हुए 12 किमी प्रतिदिन हो गया। जानकारी दी कि अभी तक 10 हजार से अधिक फ्लाईओवर, अंडर पास आदि रेलवे बना चुका है जिससे परिवहन व्यवस्था काफी सहज हुई है। रेल मंत्री ने कहा कि पीएम को यही विजन है कि विकास भी हो और विरासत को भी तरजीह मिले, इसी तर्ज पर रेलवे काम कर रहा। कहा कि आगे दो हजार से अधिक ऐसे जनसुविधा स्टोर्स स्टेशन एरिया में खोले जायेंगे जहां पर रेल यात्रियों की दैनिक चीजें आसानी से मिल सकेंगी। इसे जन औषधि केंद्रों से भी जोड़ा जायेगा। बताया कि आगामी अक्टूबर तक स्लीपर डिजाइन वाले वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना है। साथ ही यह भी कहा कि वैश्विक मंच पर वंदे भारत ट्रेन काफी प्रसिद्धि मिल रही और इसकी तकनीक क्षमता को विकसित करने के तहत यूरोप से कुछ जरूरी उपकरण मंगाये भी जा रहे।
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