उत्तर प्रदेश

होटल कारोबारियों का शोषण नहीं कर पाएंगे अफसर

Admindelhi1
3 April 2024 7:46 AM GMT
होटल कारोबारियों का शोषण नहीं कर पाएंगे अफसर
x
सुधार के बाद एक हजार वर्ग फुट में भी होटल बनाया जा सकेगा.

लखनऊ: प्रदेश में होटल निर्माण के रास्ते में अब न तो भू-उपयोग आड़े आएगा और न सड़कों की चौड़ाई. शासन के निर्देश पर एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी की अध्यक्षता में बनाई गई उच्चस्तरीय समिति ने होटलों के निर्माण के नियमों को शिथिल करने की संस्तुति कर दी है. अब इनके निर्माण के लिए निश्चित जमीन की बाध्यता भी खत्म हो जाएगी. पहले 10 हजार वर्ग फुट से कम जमीन पर होटल का नक्शा नहीं पास होता था लेकिन सुधार के बाद एक हजार वर्ग फुट में भी होटल बनाया जा सकेगा.

होटलों के निर्माण के लिए नियमों को सरल करने की पहल खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी. निर्देश पर एलडीए उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में नौ अफसरों की कमेटी बनाई गई थी. इसने राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात तथा महाराष्ट्र सहित कई अन्य राज्यों में होटलों के निर्माण के नियमों का परीक्षण किया. इनके बाइलाज देखे. कई दौर की बैठकों के बाद नियमों में बदलाव की शासन से सिफारिश कर दी है.

होटल कारोबारियों का शोषण नहीं कर पाएंगे अफसर होटल निर्माण के नियमों में बदलाव होने के बाद प्राधिकरण के इंजीनियर होटल कारोबारियों का शोषण नहीं कर पाएंगे. अभी इसके निर्माण के नाम पर जमकर शोषण करते हैं. जितना पैसा नक्शा पास कराने में लगता है, उसका दो से तीन गुना ज्यादा घूस देना पड़ता है. इस बदलाव से घूसखोरी के रास्ते बंद हो जाएंगे. अवैध निर्माण के नाम पर होने वाली वसूली भी थमेगी.

कैबिनेट से पास होने के बाद लागू होगा नया नियम एलडीए उपाध्यक्ष के साथ ही कमेटी में प्रमुख सचिव पर्यटन की ओर नामित अधिकारी, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, आवास बंधु के निदेशक, आवास विकास के मुख्य वास्तुविद नियोजक, मुख्य नगर नियोजक एलडीए तथा आवास बंधु के सलाहकार भी शामिल थे. कमेटी ने कई राज्यों के होटलों के नियमों के परीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा.

इन नियमों में शिथिलता की सिफारिश:

● पहले 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर छोटे-बड़े किसी होटल का नक्शा नहीं पास होता था. अब नौ मीटर चौड़ी सड़क पर भी नक्शा पास होगा.

● पहले 1000 वर्ग मीटर यानी लगभग 10 हजार वर्ग फुट से कम जमीन पर होटल नहीं बन सकता था. अब इनके निर्माण के लिए जमीन के क्षेत्रफल की बाध्यता खत्म कर दी जाएगी.

● होटलों के नक्शे कमरों की संख्या के हिसाब से पास होंगे. छह कमरों के होटल से इसकी शुरुआत होगी. नक्शे पास करने के शुल्क में भी कमी का सुझाव दिया गया है.

● सबसे बड़ा बदलाव भू-उपयोग को लेकर किया गया है. पहले आवासीय व होटल भू-उपयोग की जमीन पर ही इसके नक्शे पास होते थे. अब ग्रीन, खुला क्षेत्र छोड़कर किसी भी भू- उपयोग के प्लॉट पर होटल बनाया जा सकेगा.

● अग्निशमन विभाग के मानक के अनुसार ही अब विकास प्राधिकरणों के मानक भी होंगे. फायर गाड़ियां जाने भर का ही सेट बैक छोड़ना होगा.

Next Story