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- धान घोटाले की रिकवरी...
मुरादाबाद न्यूज़: ठाकुरद्वारा में हुए धान घोटाले में चावल की रिकवरी में अफसर फेल हो चुके हैं. जिन राइस मिलों ने चावल नहीं लौटाया उनमें सिर्फ एक से रिकवरी हो सकी. पूरे मामले में दोषी अफसरों पर एक्शन लिया ही नहीं गया. चंद लोग निशाने पर रहे उन्हीं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा कर विभाग के आला अफसर खामोश हो गए.
ठाकुरद्वारा के बहुचर्तित धान खरीद घोटाले में अब नए सिरे से जांच की जरूरत महसूस की जा रही है. जिन घपलेबाज अफसरों को बचाया गया उनके विरुद्ध आखिर एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है इससे आला अफसरों की कार्यशैली पर भी उंगली उठ रही है. मिल वाले इस घोटाले में शामिल हैं यह तो तय है पर जिन अफसरों की संलिप्तता है उन्हें बचाया जा रहा है यह भी तथ्य अब उजागर हो चुका है. जिन अफसरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई उन पर कोई आंच नहीं आई है. करोड़ों के इस घोटाले में पुलिस की भी भूमिका संदेह के घेरे में आ रही है. चार मार्च को कोर्ट के आदेश से 6 लोगों पर हुई एफआईआर के बाद कोई एक्शन नहीं हुआ है.
मुरादाबाद में दो साल पहले करीब ग्यारह करोड़ का धान खरीद घोटाला हुआ था. इसमें साई और शिव राइस मिल में पीसीएफ ने धान भेजा था. एसएफसी ने महावेद और कृष्णा में धान भेजा. चावल वापस भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में नहीं पहुंचा. अफसरों के अनुसार शिव और साई में 4.85 करोड़ और महादेव में 6.80 करोड़ का घपला मिला था. पोल खुलने पर केंद्र प्रभारी को टर्मिनेट किया गया. चारों मिलों को काली सूची में डाल दिया गया. इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी.