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अब ये सख्त एक्शन, पिता के कंधे पर बेटे का शव पुलिसकर्मी को लगा ड्रामा
न्यूज़क्रेडिट:आजतक
खबरों के लिहाज से आज का दिन काफी अहम रहा. कांग्रेस का महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन में दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में आज से बॉक्सिंग के मुकाबले शुरू हो रहे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के दिल्ली में हुए प्रदर्शन पर बड़ा बयान दिया है. जानिए शुक्रवार शाम की 5 बड़ी खबरें...
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शव वाहन न मिलने पर एक मजबूर पिता 10 साल के बेटे का शव अपने कंधे पर लादकर 25 किलोमीटर पैदल लेकर घर पहुंचे. इस मामले में संवेदनशील होने की जगह प्रयागराज पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है.
इस घटना को लेकर पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए मृतक के मां-बाप ये नौटंकी कर रहे थे. करछना थाने के प्रभारी टीकाराम ने कहा, 'यह शव को पैदल ले जाने का मामला नहीं था, बल्कि सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए मां-बाप ने ड्रामा किया था.'
अब मानवाधिकार कार्यकर्ता से फोन पर पुलिस इंस्पेक्टर की इस बातचीत का ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें थाना प्रभारी मृतक बच्चे के माता-पिता का मजाक उड़ा रहे हैं. यह घटना 2 जुलाई की है.
पुलिसकर्मी पर गिरी गाज
ऑडियो के वायरल होने के बाद एसएसपी शैलेश कुमार पांडे ने मजबूर माता-पिता का मजाक उड़ाने वाले इंस्पेक्टर टीकाराम को निलंबित कर दिया है.
टीकाराम को निलंबित करने के बाद उनकी जगह विश्वजीत को करछना थाने का चार्ज दिया गया है. एसएसपी शैलेश पांडे ने आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड किए जाने की पुष्टि की है.
बता दें कि यूपी के राज्य मानवाधिकार आयोग में इस मामले में प्रयागराज के सीएमओ और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. 8 अगस्त को दोपहर 12 बजे दोनों को व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर मामले की पूरी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल करछना तहसील के डीहा गांव में 10 साल का बच्चा बिजली पोल में करंट आने पर झुलस गया था. अस्पातल में इलाज के दौरन उसकी मौत हो गई थी. बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था.
पोस्टमॉर्टम के बाद शव वाहन ना मिलने पर परिवार के लोग पैदल ही शव को कंधे पर रखकर 25 किलोमीटर तक ले गए थे. बच्चे का शव कंधे पर रखकर ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.
पिता बारिश में भीगते हुए पैदल ही शव को ले जाते हुए नजर आए थे. परिवार वालों का आरोप था कि पैसे ना होने की वजह से उन्हें शव वाहन नहीं दिया गया था. गरीबी के कारण माता-पिता बेटे का शव कंधे पर रखकर ले जाने को मजबूर थे.
डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश
इस मामले में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और प्रयागराज मंडल के कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने जांच के आदेश दिए हैं. बीजेपी सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने भी इस पर गहरी नाराजगी जताई है.
रीता जोशी ने इस मामले में अफसरों से खुद फोन पर बात की थी. फोन पर निर्देश दिए जाने के बावजूद सरकारी अमले ने कोई व्यवस्था नहीं की थी. इस पर रीता जोशी ने अधिकारियों से फिर से जवाब-तलब किया है.
परिवार को मिलेगा पांच लाख रुपये का मुआवजा
इस मामले को पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर उठाया था. डीएम संजय खत्री ने इस मामले में पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराए जाने का भरोसा दिलाया है.
परिवारवालों का आरोप है कि घर में खाने के लिए अनाज भी नहीं था तो शव वाहन के लिए 3200 रुपये कैसे देते. इस मामले में बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.