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अभी दो दिन ऐसे ही बना रहेगा मौसम, झमाझम बारिश से सर्दी की हुई वापसी
मोदीपुरम: अचानक हुए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण सुबह से लेकर शाम तक बूंदाबांदी होती रही। पिछले दो दिन में सूरज की किरणें पृथ्वी तक आसानी से पहुंच रही थी। जिसके कारण तापमान में अचानक वृद्धि हो गई थी और तापमान 24 डिग्री तक पहुंच गया था।
जिसके चलते लोगों को सर्दी से राहत मिली थी। अब मौसम में बदलाव आने के कारण अचानक पारा फिर से गिरा और 20 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया है। जिस कारण ठंड का प्रकोप फिर से बढ़ने लगा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम ने फिर से करवट बदली है। ठंड दोबारा लौट आई हे। दिन भर आसमान में बादल छाए रहे और रुक-रुककर बूंदाबांदी होती रही।
जिसके चलते लोगों को धूप के दर्शन नहीं हो सके। मौसम विशेषज्ञों की माने तो अभी दो दिन तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। मौसम बदलने और बूंदाबांदी होने के कारण एनसीआर में मौसम और प्रदूषण की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। खराब चल रही हवा में भी काफी सुधार महसूस किया जा रहा है। मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स बारिश के होने से अच्छा रहा।
देश में वाहनों की तादाद में हुआ इजाफा
देश में लगातार वाहनो की संख्या बढ़ रही है। जिसके कारण वायु प्रदूषण और धूल के कण वातावरण में ज्यादा उड़ते रहते है। यह धूल के कण और मिट्टी पौधों में जाकर पक्षियों के ऊपर चिपक जाती है। ऊपर की सतह मिट्टी द्वारा ढक लिए जाने के कारण पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया धीमी होती है जिसके चलते पौधों की वृद्धि पर प्रभाव पड़ता है और वृद्धि कम होती है।
जब इन दिनों बारिश होती है तो यह धीरे-धीरे होने वाली बारिश पत्तों के ऊपर जमी हुई धूल को साफ कर देती है। जिसके कारण प्राकृतिक रूप से पौधों की एक तरह से धुलाई हो जाती है। जिसके कारण पत्तियों के ऊपर से धूल हट जाती है और पौधों को उचित मात्रा में सेल तक प्रकाश की किरणें आसानी से पहुंच जाती हैं। जिससे पौधों की सेल में मौजूद प्लास्टिङ अधिक सक्रिय हो जाते हैं तथा पौधों के अंदर सूर्य की किरणें आसानी से प्रवेश कर जाती हैं और पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया तेजी से होने लगती है।
जिससे पौधों की वृद्धि बढ़ जाती है और उत्पादन भी अच्छा होता है। इसलिए वर्षा बहुत जरूरी है जो प्राकृतिक रूप से पौधों के लिए लाभकारी है। यह बारिश अपने साथ प्राकृतिक नाइट्रोजन को लेकर जमीन पर, नाइट्रोजन फिक्सेशन का कार्य करती है और लगभग 5% तक नाइट्रोजन फिक्सेशन का कार्य फिजिकल नाइट्रोजन फिक्सेशन पद्धति द्वारा हो जाता है। इससे पौधों को लाभ होता है तथा यह वर्षा मृदा की उर्वरता बढ़ाने में सहायक होती है।
फसलों को होगा फायदा
जनवरी के महीने में बारिश हुआ करती थी। जिसके कारण फसलों को फायदा होता था। किसान इस बारिश का इंतजार कर रहे थे और यह बारिश जो हुई है, इससे रबी की फसलों को फायदा होगा और उत्पादन बढ़ेगा।
बारिश के साथ पड़ेंगे ओले तो होगा नुकसान
इस समय जो बारिश हो रही है यदि इसके साथ ओले पढ़ते हैं तो सरसों की फसल के साथ-साथ आलू की फसल को भी नुकसान होगा। इस बात का ध्यान रखें यदि वर्षा अधिक होती है तो खेत पर पानी को रुकने न दे। पानी को बाहर निकालने के लिए निकासी की व्यवस्था करें यदि खेत में पानी ठहरेगा तो जड़ एवं तना गल सकते हैं।
ये दर्ज हुआ तापमान
राजकीय मौसम वैधशाला पर अधिकतम तापमान 14.8 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 98 एवं न्यूनतम आर्द्रता 86 दर्ज की गई। हवा सुबह छह और शाम को भी छह किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दर्ज की गई। बारिश 005.0 मिमी दर्ज की गई।
बारिश के बाद भी बढ़ा प्रदूषण
बारिश के बाद भी इस शहर में प्रदूषण बढ़ा है। जो लोगों के लिए परेशानी बना हुआ है। ऐसे में शहर में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
प्रदूषण की स्थिति
मेरठ 351
बागपत 332
मुजफरनगर 352
गाजियाबाद 331
ये रहा शहर का प्रदूषण
जयभीमनगर 336
गंगानगर 351
पल्लवपुरम 365