- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- अब मुख्यालय रखेगा...
वाराणसी: जिले के सरकारी अस्पतालों की निगरानी अब स्वास्थ्य महानिदेशालय से होगी. सीसीटीवी के माध्यम से यह संभव होगा. उपमुख्यमंत्री व विभागीय मंत्री ब्रजेश पाठक ने वर्चुअल माध्यम से जिले के चारों शासकीय अस्पतालों में लगे करीब 250 सीसीटीवी का शुभारंभ किया.
स्वास्थ्य महानिदेशालय में स्थापित एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) से पहले चरण में सूबे के 108 अस्पतालों को जोड़ा गया है. इनमें वाराणसी जिले का मंडलीय, जिला, जिला महिला अस्पताल एवं रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्रत्त्ी राजकीय अस्पताल भी हैं. अस्पताल ऑनलाइन पैरामीटर मूल्यांकन (होप) के तहत इन अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन्हें महानिदेशालय में स्थापित केंद्र से जोड़ा गया है.
चारों अस्पतालों के प्रमुखों के कार्यालयों में उद्घाटन कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया. इन अस्पतालों में ओपीडी, इमरजेंसी, नर्सिंग स्टेशन, व्हीलचेयर व स्ट्रेचरस्थल, कैंटीन, मुख्य गेट, मरीजों की लॉबी, ब्लड बैंक, दवा वितरण काउंटरों और ऑपरेशन थिएटर समेत 16 स्थानों पर कैमरे लगाए गए हैं. इसका उद्देश्य अस्पतालों की गतिविधियों पर निगरानी और मरीजों को बेहतर उपचार दिलाना है. सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में अक्सर डॉक्टरों के देर से पहुंचने, समय से पहले उठ जाने की शिकायतें मरीज करते हैं. इसके अलावा डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ बदसलूकी और नोंकझोंक की शिकायतें भी मिलती हैं. नए कदम से इन पर लगाम लगेगी.
ओपीडी में दिखी भीड़ तो अधीक्षक को देंगे संदेश
महानिदेशालय में बैठी टीम पर्चा काउंडर, ओपीडी, वार्ड, आईसीयू, पैथोलॉजी, ब्लड बैंक, ओटी परिसर, दवा काउंटर, कैंटीन, इमरजेंसी आदि पर नजर रखेगी. यदि किसी डॉक्टर के कमरे के बाहर मरीजों की भीड़ है और डॉक्टर नहीं हैं तो कमांड सेंटर से संबंधित अस्पताल के अधीक्षक अथवा निदेशक को संदेश भेजा जाएगा. 30 मिनट में समाधान न होने पर संयुक्त निदेशक व निदेशक (प्रशासन) को सूचना भेजी जाएगी. इसके बाद भी समाधान न होने पर अधीक्षक को स्पष्टीकरण जारी कर दिया जाएगा.