उत्तर प्रदेश

अब बॉडी के खराब अंग भी आएंगे काम, यूपी में बनेगा डेड अंगों का म्यूजियम, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मैटरनिटी विंग से शुरुआत

Renuka Sahu
25 July 2022 3:44 AM GMT
Now the bad parts of the body will also work, a museum of dead organs will be built in UP, starting from the maternity wing of GSVM Medical College
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फाइल फोटो 

यूपी में अब सर्जरी के बाद निकाले गए अंग फेंके नहीं जाएंगे। ये अंग कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्रों के काम आएंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी में अब सर्जरी के बाद निकाले गए अंग फेंके नहीं जाएंगे। ये अंग कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्रों के काम आएंगे। स्त्री रोग विभाग से इसकी शुरुआत होगी। इसके लिए जीएसवीएम मैटरनिटी विंग में जगह चिह्नित की गई है। जानकारी के मुताबिक नॉल, यूट्रस, फीटल समेत 20 अंग संरक्षित किए जाएंगे। इनके लिए विभागवार लाइब्रेरी भी बनेगी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में सर्जरी के बाद निकाले गए डेड अंग अब मेडिकल स्टूडेंट्स के काम आएंगे। इसके तहत हर विभाग में इन अंगों का म्यूजियम बनाने का फैसला लिया गया है।

म्यूजियम के सहारे मेडिकल छात्र-छात्राएं पढ़ाई करेंगे। उनके लिए लाइब्रेरी भी विभागवार बनाई जाएगी। इसकी शुरुआत स्त्री रोग विभाग से की जा रही है, इसके लिए मैटरनिटी विंग में जगह भी चिह्नित कर ली गई है। अभी तक मेडिकल छात्र-छात्राएं मेन लाइब्रेरी और एनॉटॉमी विभाग में जाकर पढ़ाई करते हैं। विभागवार उन्हें म्यूजियम की सुविधा ही नहीं मिल रही। अब प्राचार्य के निर्देश पर सभी विभागों में सर्जरी के बाद अंगों को संरक्षित रखा जाएगा।
साथ ही जटिल सर्जरी में निकाले गए विचित्र तरह के ट्यूमर भी संरक्षित किए जाएंगे। म्यूजियम में उनकी हिस्ट्री के साथ ब्योरा दर्ज किया जाएगा ताकि मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ बाहरी कॉलेजों के छात्र भी यहां आकर पढ़ाई कर सकें। इसी कड़ी में अभी मैटरनिटी विंग के म्यूजियम के लिए बच्चों के नॉल, यूट्रस, फीटल समेत 20 अंग संरक्षित किए गए हैं। इसी तरह की व्यवस्था सर्जरी, ऑर्थो, ईएनटी समेत सभी विभागों में की जाएगी।
प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, प्रो. संजय काला ने कहा कि पहली बार विभागवार म्यूजियम और लाइब्रेरी बनाने का फैसला किया गया है। इसकी शुरुआत स्त्री रोग विभाग से शुरू की जा रही है। यहां पर पढ़ाई के साथ ग्रुप मंत्रणा और बीमारियों पर चर्चा की जाएगी। एनएमसी को भी इसका ब्लूप्रिंट भेजा जाएगा। अनुमति पहले ही मिल चुकी है।
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