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अब चिकित्सा इकाइयों को नवीनीकरण के लिए पूरी प्रक्रिया दोहराने की जरूरत नहीं
आगरा: चिकित्सा इकाइयों को नवीनीकरण के लिए पूरी प्रक्रिया दोहराने की जरूरत नहीं है. इकाई में किसी बदलाव के होने पर ही यह करना होगा. अन्यथा की स्थिति में सीएमओ स्तर से उनका नवीनीकरण करना होगा. महानिदेशक चिकित्सा एवं सेवाएं की ओर से इसका नोटीफिकेशन जारी कर दिया गया है.
महानिदेशक डा. ब्रजेश राठौर ने प्रदेश के सभी सीएमओ को निर्देश जारी किए हैं. इनमें 2007 में दायर एक याचिका का हवाला दिया गया है. इसके मुताबिक 1 अप्रैल 2007 को हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए थे. इनके मुताबिक पुरानी चिकित्सा इकाइयों को पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए पूरी प्रक्रिया को दोहराने की जरूरत नहीं है. जब तक कि डाक्टरों की शैक्षिक योग्यता, इकाई संचालित होने का स्थान, इकाई में नई सुविधाओं का जुड़ना आदि जैसे बदलाव न किए गए हों. बिना किसी बदलाव वाली इकाइयां साधारण तरीके से आवेदन कर सकती हैं. साथ में पुराने पंजीकरण के साथ लगाए प्रमाण पत्रों की फोटो प्रतियां लगाने की जरूरत है. इसी के आधार पर सीएमओ कार्यालय को इकाइयों का पंजीकरण या नवीनीकरण करना होगा. महानिदेशक की ओर से सभी सीएमओ को यह निर्देश को जारी किए गए हैं. चिकित्सा प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक डा. हेमेन्द्र विक्रम सिंह के मुताबिक इससे नवीनीकरण के लिए आवेदन करने वाले अस्पतालों, क्लीनिक, पैथोलॉजी, रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर संचालकों को भारी राहत मिलेगी.
करीब 16 तरह के लाइसेंस और एनओसी मांगी जा रही हैं. जबकि अधिकतर इकाइयों ने बदलाव नहीं किया है. ऐसे में सादा कागज पर ही आवेदन कर सकते हैं. बदलाव की जानकारी भी दे सकते हैं. सीएमओ को इसे जल्द लागू करना चाहिए. यह सबसे आसान व्यवस्था रहेगी.
डा. पंकज नगायच, सचिव आईएमए.